Loading...
अथर्ववेद के काण्ड - 20 के सूक्त 107 के मन्त्र
मन्त्र चुनें
  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 107/ मन्त्र 3
    ऋषिः - वत्सः देवता - इन्द्रः छन्दः - गायत्री सूक्तम् - सूक्त-१०७
    31

    वि चि॑द्वृ॒त्रस्य॒ दोध॑तो॒ वज्रे॑ण श॒तप॑र्वणा। शिरो॑ बिभेद वृ॒ष्णिना॑ ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    वि॒ । चि॒त् । वृ॒त्रस्य॑ । दोध॑त: । वज्रे॑ण: । श॒तऽप॑र्वणा ॥ शिर॑: । बि॒भे॒द॒ । वृ॒ष्णिना॑ ॥१०७.३॥


    स्वर रहित मन्त्र

    वि चिद्वृत्रस्य दोधतो वज्रेण शतपर्वणा। शिरो बिभेद वृष्णिना ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    वि । चित् । वृत्रस्य । दोधत: । वज्रेण: । शतऽपर्वणा ॥ शिर: । बिभेद । वृष्णिना ॥१०७.३॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 107; मन्त्र » 3
    Acknowledgment

    हिन्दी (1)

    विषय

    १-१२ परमेश्वर के गुणों का उपदेश।

    पदार्थ

    (दोधतः) क्रोध करते हुए (वृत्रस्य) रोकनेवाले शत्रु के (शिरः) शिर को (शतपर्वणा) सैकड़ों जोड़ोंवाले, (वृष्णिना) दृढ़ (वज्रेण) वज्र से (चित्) निश्चय करके (वि) अनेक प्रकार (बिभेद) उस [परमेश्वर] ने तोड़ा है ॥३॥

    भावार्थ

    जैसे शूर पुरुष भारी-भारी शस्त्रों से शत्रुओं को मार गिराता है, वैसे ही परमात्मा पापियों को अनेक प्रकार दण्ड देता है ॥३॥

    टिप्पणी

    ३−(वि) विविधम् (चित्) एव (वृत्रस्य) आवरकस्य शत्रोः (दोधतः) अ० १२।१।८। क्रुध्यतः (वज्रेण) शस्त्रेण (शतपर्वणा) बहुसन्धियुक्तेन (शिरः) (बिभेद) विच्छेद (वृष्णिना) वीर्यवता। दृढेन ॥

    इस भाष्य को एडिट करें

    इंग्लिश (2)

    Subject

    Agni Devata

    Meaning

    And when the lord of might and munificence with his thunderbolt of a hundred potentials shatters the head of Vrtra, terror striking demon of darkness, drought and despair, the bolt is nothing but the blazing omnipotence of the lord.

    इस भाष्य को एडिट करें

    Translation

    The Almighty God with his powerful thunder-bolt of hundred knots sever the head of fiercely moving water-restraining cloud.

    इस भाष्य को एडिट करें

    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    ३−(वि) विविधम् (चित्) एव (वृत्रस्य) आवरकस्य शत्रोः (दोधतः) अ० १२।१।८। क्रुध्यतः (वज्रेण) शस्त्रेण (शतपर्वणा) बहुसन्धियुक्तेन (शिरः) (बिभेद) विच्छेद (वृष्णिना) वीर्यवता। दृढेन ॥

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top