Loading...
अथर्ववेद के काण्ड - 5 के सूक्त 10 के मन्त्र
मन्त्र चुनें
  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 10/ मन्त्र 5
    सूक्त - ब्रह्मा देवता - वास्तोष्पतिः छन्दः - यवमध्यात्रिपदागायत्री सूक्तम् - आत्मा रक्षा सूक्त
    29

    अ॑श्मव॒र्म मे॑ऽसि॒ यो मा॑ ध्रु॒वाया॑ दि॒शोऽघा॒युर॑भि॒दासा॑त्। ए॒तत्स ऋ॑च्छात् ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    अ॒श्म॒ऽव॒र्म । मे॒ । अ॒सि॒ । य: । मा॒ । ध्रु॒वाया॑: । दि॒श: । अ॒घ॒ऽयु: । अ॒भि॒ऽदासा॑त् । ए॒तत् । स: । ऋ॒च्छा॒त् ॥१०.५॥


    स्वर रहित मन्त्र

    अश्मवर्म मेऽसि यो मा ध्रुवाया दिशोऽघायुरभिदासात्। एतत्स ऋच्छात् ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    अश्मऽवर्म । मे । असि । य: । मा । ध्रुवाया: । दिश: । अघऽयु: । अभिऽदासात् । एतत् । स: । ऋच्छात् ॥१०.५॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 5; सूक्त » 10; मन्त्र » 5
    Acknowledgment

    हिन्दी (1)

    विषय

    ब्रह्म की उत्तमता का उपदेश।

    पदार्थ

    [हे ब्रह्म !] (मे) मेरे लिये तू (अश्मवर्म) पत्थर के घर [के समान दृढ़] (असि) है। (यः) जो (अघायुः) बुरा चीतनेवाला मनुष्य (ध्रुवायाः) स्थिर वा नीचेवाली (दिशः) दिशा से.... म० १ ॥५॥

    टिप्पणी

    ५−(ध्रुवायाः) स्थिरायाः। अधःस्थायाः ॥

    इंग्लिश (1)

    Subject

    Strength of Mind and Soul

    Meaning

    O mind and soul with self confidence and faith in divinity, you are my bed rock of defence on the earth below. Whoever the fool that is a victim of sin and evil and wants to challenge and enslave me from the lower direction below, let him face and strike his head against this rock, and perish.

    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    ५−(ध्रुवायाः) स्थिरायाः। अधःस्थायाः ॥

    Top