Sidebar
सामवेद के मन्त्र
सामवेद - मन्त्रसंख्या 789
ऋषिः - अहमीयुराङ्गिरसः
देवता - पवमानः सोमः
छन्दः - गायत्री
स्वरः - षड्जः
काण्ड नाम -
7
स꣡ नः꣢ पुना꣣न꣡ आ भ꣢꣯र र꣣यिं꣢ वी꣣र꣡व꣢ती꣣मि꣡ष꣢म् । ई꣡शा꣢नः सोम वि꣣श्व꣡तः꣢ ॥७८९॥
स्वर सहित पद पाठसः꣢ । नः꣣ । पुनानः꣢ । आ । भ꣣र । रयि꣢म् । वी꣣र꣡व꣢तीम् । इ꣢ष꣢꣯म् । ई꣡शा꣢꣯नः । सो꣣म । विश्व꣡तः꣢ ॥७८९॥
स्वर रहित मन्त्र
स नः पुनान आ भर रयिं वीरवतीमिषम् । ईशानः सोम विश्वतः ॥७८९॥
स्वर रहित पद पाठ
सः । नः । पुनानः । आ । भर । रयिम् । वीरवतीम् । इषम् । ईशानः । सोम । विश्वतः ॥७८९॥
सामवेद - मन्त्र संख्या : 789
(कौथुम) उत्तरार्चिकः » प्रपाठक » 2; अर्ध-प्रपाठक » 1; दशतिः » ; सूक्त » 5; मन्त्र » 3
(राणानीय) उत्तरार्चिकः » अध्याय » 3; खण्ड » 1; सूक्त » 5; मन्त्र » 3
Acknowledgment
(कौथुम) उत्तरार्चिकः » प्रपाठक » 2; अर्ध-प्रपाठक » 1; दशतिः » ; सूक्त » 5; मन्त्र » 3
(राणानीय) उत्तरार्चिकः » अध्याय » 3; खण्ड » 1; सूक्त » 5; मन्त्र » 3
Acknowledgment
Meaning -
O Soma, lord ruler and benefactor of the entire world, pure and purifier of all, bring us food and energy for body, mind and soul, versatile wealth and power abounding in brave and heroic progeny for future generations. (Rg. 9-61-6)