Loading...
ऋग्वेद मण्डल - 4 के सूक्त 58 के मन्त्र
मण्डल के आधार पर मन्त्र चुनें
अष्टक के आधार पर मन्त्र चुनें
  • ऋग्वेद का मुख्य पृष्ठ
  • ऋग्वेद - मण्डल 4/ सूक्त 58/ मन्त्र 1
    ऋषिः - वामदेवो गौतमः देवता - अग्निः सूर्यो वाऽपो वा गावो वा घृतं वा छन्दः - निचृत्त्रिष्टुप् स्वरः - धैवतः

    स॒मु॒द्रादू॒र्मिर्मधु॑माँ॒ उदा॑र॒दुपां॒शुना॒ सम॑मृत॒त्वमा॑नट्। घृ॒तस्य॒ नाम॒ गुह्यं॒ यदस्ति॑ जि॒ह्वा दे॒वाना॑म॒मृत॑स्य॒ नाभिः॑ ॥१॥

    स्वर सहित पद पाठ

    स॒मु॒द्रात् । ऊ॒र्मिः । मधु॑ऽमान् । उत् । आ॒र॒त् । उप॑ । अं॒शुना॑ । सम् । अ॒मृ॒त॒ऽत्वम् । आ॒न॒ट् । घृ॒तस्य॑ । नाम॑ । गुह्य॑म् । यत् । अस्ति॑ । जि॒ह्वा । दे॒वाना॑म् । अ॒मृत॑स्य । नाभिः॑ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    समुद्रादूर्मिर्मधुमाँ उदारदुपांशुना सममृतत्वमानट्। घृतस्य नाम गुह्यं यदस्ति जिह्वा देवानाममृतस्य नाभिः ॥१॥

    स्वर रहित पद पाठ

    समुद्रात्। ऊर्मिः। मधुऽमान्। उत्। आरत्। उप। अंशुना। सम्। अमृतऽत्वम्। आनट्। घृतस्य। नाम। गुह्यम्। यत्। अस्ति। जिह्वा। देवानाम्। अमृतस्य। नाभिः ॥१॥

    ऋग्वेद - मण्डल » 4; सूक्त » 58; मन्त्र » 1
    अष्टक » 3; अध्याय » 8; वर्ग » 10; मन्त्र » 1

    पदार्थ -
    [१] वैदिक साहित्य में प्रभु तो समुद्र हैं ही [ स + मुद्] - सदा आनन्दमय हैं। आचार्य भी ज्ञान का समुद्र है। (समुद्रात्) = सृष्टि के प्रारम्भ में प्रभु से, तदनन्तर गुरु-शिष्य परम्परा से (मधुमान्) = अत्यन्त माधुर्य को लिये हुए (ऊर्मिः) = ज्ञान का प्रकाश (उदारत्) = उत्कर्षेण प्राप्त होता है। ज्ञान हमारे जीवन में माधुर्य को उत्पन्न करता है। (उप अंशुना) = प्रभु की उपासना से व आचार्य के चरणों में बैठने से प्राप्त ज्ञान - किरणों से मनुष्य (अमृतत्वम्) = अमृतत्व को (समानट्) = सम्यक् प्राप्त करता है । [२] (घृतस्य) = ज्ञानदीप्ति के परिणामस्वरूप (नाम) = विनय (यत्) = जब (गुह्यम्) = हृदय- गुहा में होनेवाली (अस्ति) = है, तो उस समय (देवानाम्) = देवों की (जिह्वा) = वाणी- ज्ञान को देनेवाली वाणी (अमृतस्य नाभिः) = अमृत का केन्द्र प्रतीत होती है। ज्ञान को देती हुई देवों की वाणी अमृतवर्षण करती हुई मालूम देती है।

    भावार्थ - भावार्थ- आचार्य से प्राप्त होनेवाला ज्ञान हमें मधुर बनाता है और अन्ततः मोक्ष को प्राप्त कराता है। इस ज्ञान से विनीत हृदयवाले विद्वान् जिह्वा से ज्ञानामृत का वर्षण करते प्रतीत होते हैं ।

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top