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सामवेद के मन्त्र
सामवेद - मन्त्रसंख्या 1621
ऋषिः - मधुच्छन्दा वैश्वामित्रः
देवता - इन्द्रः
छन्दः - गायत्री
स्वरः - षड्जः
काण्ड नाम -
4
स꣡ नो꣢ वृषन्न꣣मुं꣢ च꣣रु꣡ꣳ सत्रा꣢꣯दाव꣣न्न꣡पा꣢ वृधि । अ꣣स्म꣢भ्य꣣म꣡प्र꣢तिष्कुतः ॥१६२१॥
स्वर सहित पद पाठसः । नः꣣ । वृषन् । अमु꣢म् । च꣣रु꣢म् । स꣡त्रा꣢꣯दावन् । स꣡त्रा꣢꣯ । दा꣣वन् । अ꣡प꣢꣯ । वृ꣣धि । अस्म꣡भ्य꣢म् । अ꣡प्र꣢꣯तिष्कुतः । अ । प्र꣣तिष्कुतः ॥१६२१॥
स्वर रहित मन्त्र
स नो वृषन्नमुं चरुꣳ सत्रादावन्नपा वृधि । अस्मभ्यमप्रतिष्कुतः ॥१६२१॥
स्वर रहित पद पाठ
सः । नः । वृषन् । अमुम् । चरुम् । सत्रादावन् । सत्रा । दावन् । अप । वृधि । अस्मभ्यम् । अप्रतिष्कुतः । अ । प्रतिष्कुतः ॥१६२१॥
सामवेद - मन्त्र संख्या : 1621
(कौथुम) उत्तरार्चिकः » प्रपाठक » 8; अर्ध-प्रपाठक » 1; दशतिः » ; सूक्त » 2; मन्त्र » 2
(राणानीय) उत्तरार्चिकः » अध्याय » 17; खण्ड » 1; सूक्त » 2; मन्त्र » 2
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(कौथुम) उत्तरार्चिकः » प्रपाठक » 8; अर्ध-प्रपाठक » 1; दशतिः » ; सूक्त » 2; मन्त्र » 2
(राणानीय) उत्तरार्चिकः » अध्याय » 17; खण्ड » 1; सूक्त » 2; मन्त्र » 2
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विषय - रहस्योद्घाटन Revelation
पदार्थ -
हे प्रभो ! आप (वृषन्) = शक्तिशाली हैं (सत्रादावन्) = [सत्यमेव ददाति] सत्य के ही प्राप्त करानेवाले हैं । (अप्रतिष्कुतः) = जिन आपका विरोध कोई भी नहीं कर सकता [अप्रतिष्कुतः] तथा जो आप कभी भी ग़लती नहीं कर सकते [अप्रतिस्खलितः] (सः) = ऐसे आप (नः) = हमें (अस्मभ्यम्) = हमारे हित के लिए (अमुं चरुम्) = उस चरु को [मृच्चयो भवति चरुः–यास्क], अर्थात् मिट्टी के ढेररूप इस मृण्मय पार्थिव शरीर को (अपावृधि) = उद्घाटित रहस्यवाला कीजिए। आपकी कृपा से हम इस शरीर के रहस्य को समझें ।
इस शरीर के रहस्य को न समझने के कारण ही हम आत्मस्वरूप को नहीं पहचान रहे । हम इसे ही आत्मा समझे बैठे हैं। 'चारयति इति चरु:' [चर् to doubt] । यह शरीर हमें आत्मा के विषय में संशयवाला कर देता है । हे प्रभो ! आपकी कृपा से ही हम इस शरीर के स्वरूप का विश्लेषण करके ‘आत्म-स्वरूप' को पहचान पाएँगे। सत्य के दाता आप ही हैं, मैं तो अल्पज्ञतावश असत्य को ही सत्य समझ बैठता हूँ। मेरी आपसे यही प्रार्थना है कि आपकी कृपा से मेरे समक्ष इस मृण्मय शरीर [चरु] का रहस्य स्पष्ट हो जाए ।
भावार्थ -
हम अपने को शक्तिशाली बनाएँ, सत्य के ग्रहण की वृत्तिवाले बनें और प्रभु प्रार्थना से शरीर के स्वरूप को समझें, जिससे हम अपने को पहचान सकें ।
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