साइडबार
ऋग्वेद - मण्डल 10/ सूक्त 175/ मन्त्र 2
ग्रावा॑णो॒ अप॑ दु॒च्छुना॒मप॑ सेधत दुर्म॒तिम् । उ॒स्राः क॑र्तन भेष॒जम् ॥
स्वर सहित पद पाठग्रावा॑णः । अप॑ । दु॒च्छुना॑म् । अप॑ । से॒ध॒त॒ । दुः॒ऽम॒तिम् । उ॒स्राः । क॒र्त॒न॒ । भे॒ष॒जम् ॥
स्वर रहित मन्त्र
ग्रावाणो अप दुच्छुनामप सेधत दुर्मतिम् । उस्राः कर्तन भेषजम् ॥
स्वर रहित पद पाठग्रावाणः । अप । दुच्छुनाम् । अप । सेधत । दुःऽमतिम् । उस्राः । कर्तन । भेषजम् ॥ १०.१७५.२
ऋग्वेद - मण्डल » 10; सूक्त » 175; मन्त्र » 2
अष्टक » 8; अध्याय » 8; वर्ग » 33; मन्त्र » 2
Acknowledgment
अष्टक » 8; अध्याय » 8; वर्ग » 33; मन्त्र » 2
Acknowledgment
भाष्य भाग
हिन्दी (1)
पदार्थ
(ग्रावाणः) हे विद्वानों ! तुम लोग (दुच्छुनाम्) दुःखकारी शत्रुसेना को (अप सेधत) दूर भगाओ-पछाड़ो (दुर्मतिम्-अप) उसकी दुर्गति का नाश करो (उस्राः) गौवों के लिए (भेषजम्) सुख (कर्तन) करो ॥२॥
भावार्थ
प्रजा तथा सेना के विद्वान् दुःखदायक शत्रु-सेना को पछाड़ें, उसकी बुरी नीति को नष्ट करें, राष्ट्र की गौवों के लिए सुख देवें ॥२॥
संस्कृत (1)
पदार्थः
(ग्रावाणः) हे विद्वांसः ! यूयम् (दुच्छुनाम्-अप सेधत) दुःखकारिणीं शत्रुसेनाम् “दुच्छुनाभ्यः दुःखकारिणीभ्यः शत्रुसेनाभ्यः” [ऋ० २।३२।२ दयानन्दः] दूरीकुरुत पराङ्मुखं कुरुत (दुर्मतिम्-अप) दुष्टमतिं च तस्याः नाशयत (उस्राः-भेषजं कर्तन) राष्ट्रे गोभ्यः-गाः-‘विभक्तिव्यत्ययः’ “उस्रा गोनाम” [निघ० २।११] सुखम् “भेषजं-सुखनाम” [निघ० ३।६] कुरुत ॥२॥
इंग्लिश (1)
Meaning
O Gravana, yajnic participants in state affairs, remove the evils of ignorance, injustice and poverty, stop and cast away nonsense, negativity and cynicism, and being generous and brilliant like rays of the sun, cure the ailments and distresses of society.
मराठी (1)
भावार्थ
प्रजेने व सेनेच्या विद्वानांनी दु:खदायक शत्रू सेनेला दूर सारावे. त्यांची वाईट नीती नष्ट करावी. राष्ट्रातील गायींना उत्तम रीतीने पाळावे. ॥२॥
Acknowledgment
Book Scanning By:
Sri Durga Prasad Agarwal
Typing By:
N/A
Conversion to Unicode/OCR By:
Dr. Naresh Dhiman
Donation for Typing/OCR By:
N/A
First Proofing By:
Acharya Chandra Dutta Sharma
Second Proofing By:
Pending
Third Proofing By:
Pending
Donation for Proofing By:
N/A
Databasing By:
Sri Jitendra Bansal
Websiting By:
Sri Raj Kumar Arya
Donation For Websiting By:
Shri Virendra Agarwal
Co-ordination By:
Sri Virendra Agarwal