यजुर्वेद - अध्याय 24/ मन्त्र 26
ऋषिः - प्रजापतिर्ऋषिः
देवता - भूम्यादयो देवताः
छन्दः - भुरिगनुष्टुप्
स्वरः - गान्धारः
74
भूम्या॑ऽआ॒खूनाल॑भते॒ऽन्तरि॑क्षाय पा॒ङ्क्तान् दि॒वे कशा॑न् दि॒ग्भ्यो न॑कु॒लान् बभ्रु॑कानवान्तरदि॒शाभ्यः॑॥२६॥
स्वर सहित पद पाठभूम्यै॑। आ॒खून्। आ। ल॒भ॒ते॒। अ॒न्तरि॑क्षाय। पा॒ङ्क्तान्। दि॒वे। कशा॑न्। दि॒ग्भ्य इति॑ दि॒क्ऽभ्यः। न॒कु॒लान्। बभ्रु॑कान्। अ॒वा॒न्त॒र॒दि॒शाभ्य॒ इत्य॑वान्तरऽदि॒शाभ्यः॑ ॥२६ ॥
स्वर रहित मन्त्र
भूम्याऽआखूनालभतेन्तरिक्षाय पाङ्क्त्रान्दिवे कशान्दिग्भ्यो नकुलान्बभ्रुकानवाभ्यः ॥
स्वर रहित पद पाठ
भूम्यै। आखून्। आ। लभते। अन्तरिक्षाय। पाङ्क्तान्। दिवे। कशान्। दिग्भ्य इति दिक्ऽभ्यः। नकुलान्। बभ्रुकान्। अवान्तरदिशाभ्य इत्यवान्तरऽदिशाभ्यः॥२६॥
भाष्य भाग
संस्कृत (1)
विषयः
पुनस्तमेव विषयमाह॥
अन्वयः
हे मनुष्याः! यथा भूमिजन्तुगुणविज्जनो भूम्या आखूनन्तरिक्षाय पाङ्क्तान् दिवे कशान् दिग्भ्यो नकुलानवान्तरदिशाभ्यो बभ्रुकानलभते तथा यूयमप्यालभध्वम्॥२६॥
पदार्थः
(भूम्यै) (आखून्) मूषकान् (आ) (लभते) (अन्तरिक्षाय) (पाङ्क्तान्) पङ्क्तिरूपेण गन्तॄन् पक्षिविशेषान् (दिवे) प्रकाशाय (कशान्) पक्षिविशेषान् (दिग्भ्यः) पूर्वादिभ्यः (नकुलान्) (बभु्रकान्) नकुलजातिविशेषान् (अवान्तरदिशाभ्यः) उपदिशाभ्यः॥२६॥
भावार्थः
ये मनुष्या भूम्यादिवन्मूषकादिगुणान् विदित्वोपकुर्युस्ते बहुविज्ञाना जायेरन्॥२६॥
हिन्दी (2)
विषय
फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है॥
पदार्थ
हे मनुष्यो! जैसे भूमि के जन्तुओं के गुण जानने वाला पुरुष (भूम्यै) भूमि के लिये (आखून्) मूषों (अन्तरिक्षाय) अन्तरिक्ष के लिये (पाङ्क्तान्) पङ्क्तिरूप से चलने वाले विशेष पक्षियों (दिवे) प्रकाश के लिये (कशान्) कश नाम के पक्षियों (दिग्भ्यः) पूर्व आदि दिशाओं के लिये (नकुलान्) नेउलों और (अवान्तरदिशाभ्यः) अवान्तर अर्थात् कोण दिशाओं के लिए (बभ्रुकान्) भूरे-भूरे विशेष नेउलों को (आ, लभते) अच्छे प्रकार प्राप्त होता है, वैसे तुम भी प्राप्त होओ॥२६॥
भावार्थ
जो मनुष्य भूमि आदि के समान मूषे आदि के गुणों को जानकर उपकार करें, वे बहुत विज्ञान वाले हों॥२६॥
विषय
भिन्न-भिन्न गुणों और विशेष हुनरों के लिये भिन्न-भिन्न प्रकार के नाना पक्षियों और जानवरों के चरित्रों का अध्ययन और संग्रह ।
भावार्थ
(भूम्यै आखून् आलभते ) भूमि की उत्तमता के लिये मूषकों का स्वाध्याय करे । ( अन्तरिक्षाय पांक्तान् ) अन्तरिक्ष विज्ञान के लिये पंक्ति बनाकर चलने वाले पक्षियों को देखे । ( दिवे कशान् ) प्रकाश के लिये 'कश' नाम के पक्षियों को प्राप्त करे ( दिग्भ्यः नकुलान् ) दिशाओं के ज्ञान के लिये नेवलों का स्वाध्याय करे । (अवान्तरदिग्भ्यः) उपदिशाओं के ज्ञान के लिये ( बभ्रु कान् ) बभ्रु नामक जन्तुओं को देखे इनको दिशा उपदिशा का अच्छा ज्ञान रहता है ।
मराठी (2)
भावार्थ
जी माणसे (जंतुशास्रज्ञ) भूमीसाठी उंदीर वगैरेंचे गुण जाणून उपकार करतात त्यांना खूप ज्ञान मिळते.
विषय
पुनश्च, त्याच विषयी -
शब्दार्थ
शब्दार्थ - हे मनुष्यांनो, जसा भूगर्भात राहणार्या प्राण्याच्या स्वभावातील गुण ओळखणारा माणूस (भूम्यै) भूमीसाठी (आखून्) उंदीराच्या गुणांचे परिपालन करतो (उंदीर हे भूमीचे रक्षक असून पीकनाशक कीटक आदींचा नाश करतात) तसेच तो (अन्तरिक्षाय) अंतरिक्षसाठी (पाङ्क्तान्) आकाशात पंक्तिबद्ध होऊन उडणारे बगळे आदी पक्ष्यांचे गुण ग्रहण करतो (विमानादीच्या उड्डाणाचे तंत्र शिकतो) तसेच तो (दिवे) प्रकाशासाठी (कशान्) कश नाम पक्ष्यांचे आणि (दिग्भ्यः) दिशांसाठी (नकुलान्) मुंगसाच्या गुणांचे निरीक्षण व पालन करतो, तसे तुम्हीही करा. (अवान्तरदिशाभ्यः) अवांतर दिशा म्हणजे आग्नेय आदी कोण-दिशांसाठी (बभ्रुकान्) भुर्या रंगाच्या विशेष प्रकारच्या मुंगुसांचे गुण (आ, लभते) प्राप्त करतो वा स्वीकारतो, तद्वत तुम्हीही करा. ॥26॥
भावार्थ
भावार्थ - भूमीमधे भूमी पर्वत आदी स्थानात राहणार्या उंदीर आदी प्राण्यांचे गुण जे लोक ओळखून घेतात व त्यापासून आपल्यावर जगावर उपकार करतात, ते अति विज्ञानी होतात. ॥26॥
इंग्लिश (3)
Meaning
An expert in the science of Earth should study rats for understanding the nature of ground ; birds who fly in groups, for firmament ; voles for light ; mongooses for the quarters ; brownish ichneumons for the intermediate spaces.
Meaning
The expert studies the rodent holes for the earth, the rows of flying birds for the sky, the kasha birds for the light, the mongoose for the directions and the ichneumon for the interdirections.
Translation
He secures rats for Bhumi, field-rats for Antariksa, voles (kasas) for Dyu, mongooses for Diks (the quarters), and brownish ichneumons for Avantara Diks (intermediate quarters). (1)
Notes
Pänktran, field-rats. Kaśān, काशान्, voles. Babhrukan, ichneumons, an animal of mongoose family.
बंगाली (1)
विषय
পুনস্তমেব বিষয়মাহ ॥
পুনঃ সেই বিষয়কে পরবর্ত্তী মন্ত্রে বলা হইয়াছে ॥
पदार्थ
পদার্থ –হে মনুষ্যগণ! যেমন ভূমির জন্তুদের গুণ জ্ঞাতা পুরুষ (ভূমৈ) ভূমির জন্য (আখূন্) মূষিকগুলি (অন্তরিক্ষায়) অন্তরিক্ষের জন্য (পাঙ্ক্তান্) পঙ্ক্তিরূপে গমনকারী বিশেষ পক্ষীগণ (দিবে) প্রকাশের জন্য (কশান্) কশনামের পক্ষীগণ (দিগ্ভ্যঃ) পূর্বাদি দিকগুলির জন্য (নকুলান্) নকুল এবং (অবান্তরদিশাভ্যঃ) অবান্তর অর্থাৎ কোণ দিক্গুলির জন্য (বভ্রুকান্) ধূসর বর্ণের বিশেষ নকুলদেরকে (আ, লভতে) উত্তম প্রকার প্রাপ্ত হয় তদ্রূপ তুমিও প্রাপ্ত হও ॥ ২৬ ॥
भावार्थ
ভাবার্থঃ–যে সব মনুষ্য ভূমি আদির সমান মূষিকাদির গুণসমূহ জানিয়া উপকার করিবে, তাহারা বহু বিজ্ঞানযুক্ত হইবে ॥ ২৬ ॥
मन्त्र (बांग्ला)
ভূম্যা॑ऽআ॒খূনা ল॑ভতে॒ऽন্তরি॑ক্ষায় পা॒ঙ্ক্তান্ দি॒বে কশা॑ন্ দি॒গ্ভ্যো ন॑কু॒লান্ বভ্র॑ুকানবান্তরদি॒শাভ্যঃ॑ ॥ ২৬ ॥
ऋषि | देवता | छन्द | स्वर
ভূম্যা ইত্যস্য প্রজাপতির্ঋষিঃ । ভূম্যাদয়ো দেবতাঃ । ভুরিগনুষ্টুপ্ ছন্দঃ ।
গান্ধারঃ স্বরঃ ॥
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