अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 43/ मन्त्र 1
भि॒न्धि विश्वा॒ अप॒ द्विषः॒ बाधो॑ ज॒ही मृधः॑। वसु॑ स्पा॒र्हं तदा भ॑र ॥
स्वर सहित पद पाठभि॒न्धि । विश्वा॑: । अप॑ । द्विष॑: । परि॑ । बाध॑: । ज॒हि । मृध॑: ॥ वसु॑ । स्पा॒र्हम् । तत । आ । भ॒र॒ ॥४३.१॥
स्वर रहित मन्त्र
भिन्धि विश्वा अप द्विषः बाधो जही मृधः। वसु स्पार्हं तदा भर ॥
स्वर रहित पद पाठभिन्धि । विश्वा: । अप । द्विष: । परि । बाध: । जहि । मृध: ॥ वसु । स्पार्हम् । तत । आ । भर ॥४३.१॥
भाष्य भाग
हिन्दी (1)
विषय
राजा के धर्म का उपदेश।
पदार्थ
[हे राजन् !] (विश्वाः) सब (द्विषः) द्वेष करनेवाली सेनाओं में (अप भिन्धि) फूट डाल दे, और (बाधः) रोक डालनेवाले (मृधः) संग्रामों को (परि) सब ओर से (जहि) मिटादे (तत्) उस (स्पार्हम्) चाहने योग्य (वसु) धन को (आ भर) ले आ ॥१॥
भावार्थ
राजा धर्मात्माओं की रक्षा के लिये शत्रुओं में फूट डालकर उनका नाश करे और उनका धन लेकर विद्यादान आदि धर्म-कार्य में लगावे ॥१॥
टिप्पणी
यह तृच् ऋग्वेद में है-८।४।४०-४२, सामवेद-उ० ४।१। तृच ८। मन्त्र १-साम० पू० २।४।१०। और मन्त्र २ पू० ३।२।३ ॥ १−(भिन्धि) भेदनं कुरु (विश्वाः) सर्वाः (अप) पृथग्भावे (द्विषः) द्वेष्ट्रीः सेनाः (परि) सर्वतः (बाधः) बाधृ विलोडने-क्विप्। बाधिकाः (जहि) नाशय (मृधः) सङ्ग्रामान् (वसु) धनम् (स्पार्हम्) अ० २०।१६।३। कमनीयम् (तत्) (आ भर) आहर। प्रापय ॥
इंग्लिश (1)
Subject
Indra Devata
Meaning
Break off all the jealous adversaries, remove all obstacles, eliminate the enemies and violence and fill the world with cherished wealth, honour and prosperity.
संस्कृत (1)
सूचना
कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।
टिप्पणीः
यह तृच् ऋग्वेद में है-८।४।४०-४२, सामवेद-उ० ४।१। तृच ८। मन्त्र १-साम० पू० २।४।१०। और मन्त्र २ पू० ३।२।३ ॥ १−(भिन्धि) भेदनं कुरु (विश्वाः) सर्वाः (अप) पृथग्भावे (द्विषः) द्वेष्ट्रीः सेनाः (परि) सर्वतः (बाधः) बाधृ विलोडने-क्विप्। बाधिकाः (जहि) नाशय (मृधः) सङ्ग्रामान् (वसु) धनम् (स्पार्हम्) अ० २०।१६।३। कमनीयम् (तत्) (आ भर) आहर। प्रापय ॥
Acknowledgment
Book Scanning By:
Sri Durga Prasad Agarwal
Typing By:
Misc Websites, Smt. Premlata Agarwal & Sri Ashish Joshi
Conversion to Unicode/OCR By:
Dr. Naresh Dhiman
Donation for Typing/OCR By:
Sri Amit Upadhyay
First Proofing By:
Acharya Chandra Dutta Sharma
Second Proofing By:
Pending
Third Proofing By:
Pending
Donation for Proofing By:
Sri Dharampal Arya
Databasing By:
Sri Jitendra Bansal
Websiting By:
Sri Raj Kumar Arya
Donation For Websiting By:
N/A
Co-ordination By:
Sri Virendra Agarwal