अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 24/ मन्त्र 7
सूक्त - अथर्वा
देवता - मन्त्रोक्ताः
छन्दः - त्रिपदार्षी गायत्री
सूक्तम् - राष्ट्रसूक्त
योगे॑योगे त॒वस्त॑रं॒ वाजे॑वाजे हवामहे। सखा॑य॒ इन्द्र॑मू॒तये॑ ॥
स्वर सहित पद पाठयोगे॑ऽयोगे। त॒वःऽत॑रम्। वाजे॑ऽवाजे। ह॒वा॒म॒हे॒। सखा॑यः। इन्द्र॑म्। ऊ॒तये॑ ॥२४.७॥
स्वर रहित मन्त्र
योगेयोगे तवस्तरं वाजेवाजे हवामहे। सखाय इन्द्रमूतये ॥
स्वर रहित पद पाठयोगेऽयोगे। तवःऽतरम्। वाजेऽवाजे। हवामहे। सखायः। इन्द्रम्। ऊतये ॥२४.७॥
अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 24; मन्त्र » 7
Translation -
O fellow men, we in every need and in every fray call for our protection the king who is mightiest of all.