ऋग्वेद - मण्डल 7/ सूक्त 56/ मन्त्र 1
क ईं॒ व्य॑क्ता॒ नरः॒ सनी॑ळा रु॒द्रस्य॒ मर्या॒ अधा॒ स्वश्वाः॑ ॥१॥
स्वर सहित पद पाठके । ई॒म् । विऽअ॑क्ताः । नरः॑ । सऽनी॑ळाः । रु॒द्रस्य॑ । मर्याः॑ । अध॑ । सु॒ऽअश्वाः॑ ॥
स्वर रहित मन्त्र
क ईं व्यक्ता नरः सनीळा रुद्रस्य मर्या अधा स्वश्वाः ॥१॥
स्वर रहित पद पाठके। ईम्। विऽअक्ताः। नरः। सऽनीळाः। रुद्रस्य। मर्याः। अध। सुऽअश्वाः ॥१॥
ऋग्वेद - मण्डल » 7; सूक्त » 56; मन्त्र » 1
अष्टक » 5; अध्याय » 4; वर्ग » 23; मन्त्र » 1
अष्टक » 5; अध्याय » 4; वर्ग » 23; मन्त्र » 1
Meaning -
What for sure are these individual, specified, kindred, mortal and human life forces of Rudra, cosmic vitality, the soul, the commander, the destroyer of suffering, forces which ride noble steeds like currents of wind?