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ऋग्वेद मण्डल - 9 के सूक्त 59 के मन्त्र
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  • ऋग्वेद - मण्डल 9/ सूक्त 59/ मन्त्र 1
    ऋषिः - अवत्सारः देवता - पवमानः सोमः छन्दः - गायत्री स्वरः - षड्जः

    पव॑स्व गो॒जिद॑श्व॒जिद्वि॑श्व॒जित्सो॑म रण्य॒जित् । प्र॒जाव॒द्रत्न॒मा भ॑र ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    पव॑स्व । गो॒ऽजित् । अ॒श्व॒ऽजित् । वि॒श्व॒ऽजित् । सो॒म॒ । र॒ण्य॒ऽजित् । प्र॒जाऽव॑त् । रत्न॑म् । आ । भ॒र॒ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    पवस्व गोजिदश्वजिद्विश्वजित्सोम रण्यजित् । प्रजावद्रत्नमा भर ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    पवस्व । गोऽजित् । अश्वऽजित् । विश्वऽजित् । सोम । रण्यऽजित् । प्रजाऽवत् । रत्नम् । आ । भर ॥ ९.५९.१

    ऋग्वेद - मण्डल » 9; सूक्त » 59; मन्त्र » 1
    अष्टक » 7; अध्याय » 1; वर्ग » 16; मन्त्र » 1

    Meaning -
    Victorious over senses and mind, victorious over will and ambition, victorious over the world, victorious over pleasure, pride and victory, O Soma, life of life, flow on and bring us jewels of children, family life and noble generations.

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