Loading...
अथर्ववेद > काण्ड 19 > सूक्त 47

काण्ड के आधार पर मन्त्र चुनें

  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 47/ मन्त्र 6
    सूक्त - गोपथः देवता - रात्रिः छन्दः - पुरस्ताद्बृहती सूक्तम् - रात्रि सूक्त

    रक्षा॒ माकि॑र्नो अ॒घशं॑स ईशत॒ मा नो॑ दुः॒शंस॑ ईशत। मा नो॑ अ॒द्य गवां॑ स्ते॒नो मावी॑नां॒ वृक॑ ईशत ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    रक्ष॑। माकिः॑। नः॒। अ॒घऽशं॑सः। ई॒श॒त॒। मा। नः॒। दुः॒शंसः॑। ई॒श॒त॒। मा। नः॒। अ॒द्य। गवा॑म्। स्ते॒नः। मा। अवी॑नाम्। वृकः॑। ई॒श॒त॒ ॥४७.६॥


    स्वर रहित मन्त्र

    रक्षा माकिर्नो अघशंस ईशत मा नो दुःशंस ईशत। मा नो अद्य गवां स्तेनो मावीनां वृक ईशत ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    रक्ष। माकिः। नः। अघऽशंसः। ईशत। मा। नः। दुःशंसः। ईशत। मा। नः। अद्य। गवाम्। स्तेनः। मा। अवीनाम्। वृकः। ईशत ॥४७.६॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 47; मन्त्र » 6

    Meaning -
    O Night, pray protect us. Let no sinner rule over us. Let no notorious scandalous power rule over us. Let there be no thief who may rule to steal our cows, let no wolf master and devour our sheep.

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top