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सामवेद के मन्त्र
सामवेद - मन्त्रसंख्या 123
ऋषिः - मेधातिथिः काण्वः प्रियमेधश्चाङ्गिरसः
देवता - इन्द्रः
छन्दः - गायत्री
स्वरः - षड्जः
काण्ड नाम - ऐन्द्रं काण्डम्
1
प꣡न्यं꣢पन्य꣣मि꣡त्सो꣢तार꣣ आ꣡ धा꣢वत꣣ म꣡द्या꣢य । सो꣡मं꣢ वी꣣रा꣢य꣣ शू꣡रा꣢य ॥१२३॥
स्वर सहित पद पाठप꣡न्य꣢꣯म्पन्यम् । प꣡न्य꣢꣯म् । प꣣न्यम् । इ꣢त् । सो꣣तारः । आ꣢ । धा꣣वत । म꣡द्या꣢꣯य । सो꣡म꣢꣯म् । वी꣣रा꣡य꣢ । शू꣡रा꣢꣯य ॥१२३॥
स्वर रहित मन्त्र
पन्यंपन्यमित्सोतार आ धावत मद्याय । सोमं वीराय शूराय ॥१२३॥
स्वर रहित पद पाठ
पन्यम्पन्यम् । पन्यम् । पन्यम् । इत् । सोतारः । आ । धावत । मद्याय । सोमम् । वीराय । शूराय ॥१२३॥
सामवेद - मन्त्र संख्या : 123
(कौथुम) पूर्वार्चिकः » प्रपाठक » 2; अर्ध-प्रपाठक » 1; दशतिः » 3; मन्त्र » 9
(राणानीय) पूर्वार्चिकः » अध्याय » 2; खण्ड » 1;
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(कौथुम) पूर्वार्चिकः » प्रपाठक » 2; अर्ध-प्रपाठक » 1; दशतिः » 3; मन्त्र » 9
(राणानीय) पूर्वार्चिकः » अध्याय » 2; खण्ड » 1;
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Mazmoon - ذرا جلدی جلدی قدم اُٹھا
Lafzi Maana -
(سوتارہ) بھگتی رس کو پیدا کرنے والے اُپاسکو! (مدیائے، ویرائے، شُورائے) آنند مگن، شکتی مان وِیر، سمرتھ وان ہم سب کو پریرنا دینے اور اپنی پریرنا سے جگت کو چلانے والے تتھا پراکرم شِیل سب بَلوں کے بَھنڈار کے لئے (پینم پینم اِت) اَتی پرشنسا یوگیہ اُتم اُتم (سومم) بھگتی بھاؤ کو اَرن کرنے کے لئے (آدھاوت) شِیگھرتا کرو۔ جلدی چلو، جلدی چلو۔
Tashree -
تیری چاہ انتظار میں بیٹھے پربُھو دامن بِچھا، ذرا جلدی جلدی قدم اُٹھا درِ باغ ہے وہ کھلا ہُوا۔
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