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ऋग्वेद मण्डल - 10 के सूक्त 92 के मन्त्र
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  • ऋग्वेद - मण्डल 10/ सूक्त 92/ मन्त्र 3
    ऋषिः - शार्यातो मानवः देवता - विश्वेदेवा: छन्दः - विराड्जगती स्वरः - निषादः

    बळ॑स्य नी॒था वि प॒णेश्च॑ मन्महे व॒या अ॑स्य॒ प्रहु॑ता आसु॒रत्त॑वे । य॒दा घो॒रासो॑ अमृत॒त्वमाश॒तादिज्जन॑स्य॒ दैव्य॑स्य चर्किरन् ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    बट् । अ॒स्य॒ । नी॒था । वि । प॒णेः । च॒ । म॒न्म॒हे॒ । व॒याः । अ॒स्य॒ । प्रऽहु॑ताः । आ॒सुः॒ । अत्त॑वे । य॒दा । घो॒रासः॑ । अ॒मृ॒त॒ऽत्वम् । आश॑त । आत् । इत् । जन॑स्य । दैव्य॑स्य । च॒र्कि॒र॒न् ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    बळस्य नीथा वि पणेश्च मन्महे वया अस्य प्रहुता आसुरत्तवे । यदा घोरासो अमृतत्वमाशतादिज्जनस्य दैव्यस्य चर्किरन् ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    बट् । अस्य । नीथा । वि । पणेः । च । मन्महे । वयाः । अस्य । प्रऽहुताः । आसुः । अत्तवे । यदा । घोरासः । अमृतऽत्वम् । आशत । आत् । इत् । जनस्य । दैव्यस्य । चर्किरन् ॥ १०.९२.३

    ऋग्वेद - मण्डल » 10; सूक्त » 92; मन्त्र » 3
    अष्टक » 8; अध्याय » 4; वर्ग » 23; मन्त्र » 3

    पदार्थ -
    [१] (अस्य विपणेः) = इस अतिशयेन स्तुति के योग्य प्रभु के (नीथाः) = प्रणयन (बट्) = सत्य हैं, सो हम इस प्रभु का ही (मन्महे) = हम मनन व चिन्तन करते हैं। प्रभु के स्वरूप का चिन्तन ही वस्तुतः मार्गदर्शन कराता है। हमें प्रभु के अनुरूप ही 'दयालु व न्यायकारी' बनना है। [२] इस ठीक मार्ग पर चलाने के लिए आवश्यक है कि अस्य = इस प्रभु के वयाः = अन्न ही प्रहुताः = यज्ञों में विनियुक्त होने के बाद यज्ञशेष के रूप में अत्तवे आसुः - खाने के लिए हों । सात्त्विक अन्नों का ही हम प्रयोग करें और वह भी यज्ञशेष के रूप में। [३] इस प्रकार 'प्रभु के मनन व प्रभुदत्त अन्नों के सेवन' से (यदा) = जब (घोरासः) = [उग्र: घोर = noble] उत्कृष्ट चरित्रवाले (अमृतत्वम्) = अमृतत्व को (आशत) = प्राप्त करते हैं, जब ये सांसारिक विषयों के पीछे नहीं मरते तो (आत् इत्) = तब शीघ्र ही (दैव्यस्य जनस्य) = उस देव के मार्ग पर चलानेवाले लोगों के गुणों को (चर्किरन्) = [कृ= क्षिप्= प्रेरणे] अपने में प्रेरित करते हैं ।

    भावार्थ - भावार्थ - प्रभु चिन्तन करते हुए प्रभु के अनुरूप बनने का प्रयत्न करें, इसी को मार्ग समझें । सात्त्विक अन्नों को ही यज्ञशेष के रूप में खाएँ । विषयों की आसक्ति से ऊपर उठकर अपने में दिव्य गुणों को प्रेरित करें ।

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