ऋग्वेद - मण्डल 9/ सूक्त 91/ मन्त्र 4
रु॒जा दृ॒ळ्हा चि॑द्र॒क्षस॒: सदां॑सि पुना॒न इ॑न्द ऊर्णुहि॒ वि वाजा॑न् । वृ॒श्चोपरि॑ष्टात्तुज॒ता व॒धेन॒ ये अन्ति॑ दू॒रादु॑पना॒यमे॑षाम् ॥
स्वर सहित पद पाठरु॒जा । दृ॒ळ्हा । चि॒त् । र॒क्षसः॑ । सदां॑सि । पु॒ना॒नः । इ॒न्दो॒ इति॑ । ऊ॒र्णु॒हि॒ । वि । वाजा॑न् । वृ॒श्च । उ॒परि॑ष्टात् । तु॒ज॒ता । व॒धेन॑ । ये । अन्ति॑ । दू॒रात् । उ॒प॒ऽना॒यम् । ए॒षा॒म् ॥
स्वर रहित मन्त्र
रुजा दृळ्हा चिद्रक्षस: सदांसि पुनान इन्द ऊर्णुहि वि वाजान् । वृश्चोपरिष्टात्तुजता वधेन ये अन्ति दूरादुपनायमेषाम् ॥
स्वर रहित पद पाठरुजा । दृळ्हा । चित् । रक्षसः । सदांसि । पुनानः । इन्दो इति । ऊर्णुहि । वि । वाजान् । वृश्च । उपरिष्टात् । तुजता । वधेन । ये । अन्ति । दूरात् । उपऽनायम् । एषाम् ॥ ९.९१.४
ऋग्वेद - मण्डल » 9; सूक्त » 91; मन्त्र » 4
अष्टक » 7; अध्याय » 4; वर्ग » 1; मन्त्र » 4
अष्टक » 7; अध्याय » 4; वर्ग » 1; मन्त्र » 4
विषय - वर के गुण।
भावार्थ -
वह पुरुष जो विवाह करना चाहता है ( कुवित् शकत् ) स्वयं भी बहुत समर्थ हो, हमें भी बहुत समर्थ करे वह स्वयं भी ( कुवित् करत् ) बहुत से कार्य करने में समर्थ हो। और वह ( नः ) हमें ( कुवित् ) बहुत प्रकार से ( वस्यसः करत् ) उत्तम धनादि ऐश्वर्य से सम्पन्न करे। ( कुवित् ) बहुतसी ( पतिद्वषः ) बन्धु आदि पालक जनों से प्रीति न करती हुई हम स्त्रियां ( यतीः ) घरों से पृथक् होकर ( इन्द्रेण ) ऐश्वर्यवान्, अन्न देने में समर्थ पुरुष से ही ( संगमामहै ) संगत, सम्बद्ध हो जाती हैं इसलिये स्त्रियों के साथ विवाह करने वा को चाहिये कि वह अपनी पत्नी को अधिक समर्थ करे, स्वयं भी श्रमशील हो, स्त्रियों को उत्तम वस्त्र आभूषणादि से भी सन्तुष्ट करे जिससे वह अपने पालक जन की निर्धनता से खिन्न होकर द्रव्यवानों के प्रलोभन में न जावें।
टिप्पणी -
पितृभिर्भ्रातृभिश्चैताः पतिभिर्देवरैस्तथा।
पूज्या भूषयितव्याश्च बहुकल्याणमीप्सुभिः।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः।
तस्मादेता सदा पूज्या भूषणाच्छादनाशनैः।
भूतिकामैर्नरैनित्यं सत्कारेपूत्सवेषु च। मनु० अ० ३। श्लो०५५, ५६, ५९॥
ऋषि | देवता | छन्द | स्वर - अपालात्रेयी ऋषिः॥ इन्द्रो देवता॥ छन्दः—१ आर्ची स्वराट् पंक्तिः। २ पंक्ति:। ३ निचृदनुष्टुप्। ४ अनुष्टुप्। ५, ६ विराडनुष्टुप्। ७ पादनिचृदनुष्टुप्॥ सप्तर्चं सूक्तम्॥
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