Loading...
ऋग्वेद मण्डल - 4 के सूक्त 24 के मन्त्र
मण्डल के आधार पर मन्त्र चुनें
अष्टक के आधार पर मन्त्र चुनें
  • ऋग्वेद का मुख्य पृष्ठ
  • ऋग्वेद - मण्डल 4/ सूक्त 24/ मन्त्र 1
    ऋषिः - वामदेवो गौतमः देवता - इन्द्र: छन्दः - त्रिष्टुप् स्वरः - धैवतः

    का सु॑ष्टु॒तिः शव॑सः सू॒नुमिन्द्र॑मर्वाची॒नं राध॑स॒ आ व॑वर्तत्। द॒दिर्हि वी॒रो गृ॑ण॒ते वसू॑नि॒ स गोप॑तिर्नि॒ष्षिधां॑ नो जनासः ॥१॥

    स्वर सहित पद पाठ

    का । सु॒ऽस्तु॒तिः । शव॑सः । सू॒नुम् । इन्द्र॑म् । अ॒र्वा॒ची॒नम् । राध॑से । आ । व॒व॒र्त॒त् । द॒दिः । हि । वी॒रः । गृ॒ण॒ते । वसू॑नि । सः । गोऽप॑तिः । निः॒ऽसिधा॑म् । नः॒ । ज॒ना॒सः॒ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    का सुष्टुतिः शवसः सूनुमिन्द्रमर्वाचीनं राधस आ ववर्तत्। ददिर्हि वीरो गृणते वसूनि स गोपतिर्निष्षिधां नो जनासः ॥१॥

    स्वर रहित पद पाठ

    का। सुऽस्तुतिः। शवसः। सूनुम्। इन्द्रम्। अर्वाचीनम्। राधसे। आ। ववर्तत्। ददिः। हि। वीरः। गृणते। वसूनि। सः। गोऽपतिः। निःऽसिधाम्। नः। जनासः ॥१॥

    ऋग्वेद - मण्डल » 4; सूक्त » 24; मन्त्र » 1
    अष्टक » 3; अध्याय » 6; वर्ग » 11; मन्त्र » 1

    भावार्थ -
    (का) वह कौनसी (सुस्तुतिः) उत्तम स्तुत्ति है। जो (शवसः) बलों, सैन्यों के (सूनुम्) प्रेरक (अर्वाचीनम्) हमारे प्रति प्रबल, प्रिय (इन्द्रम्) ऐश्वर्यवान् राजा वा प्रभु के प्रति ( राधसे) हमें धनैश्वर्य की वृद्धि और आराधना के लिये (आववर्त्तत्) प्रवृत्त करे। अर्थात् राजा में ऐसे कौन से गुण हैं जिनको सुनकर हम भी धन की प्राप्ति के लिये ऐश्वर्यवान् राजा के पास जावें । और वह कौनसी प्रभु की कीत्ति है जो हमें आराधना के लिये भगवान् की ओर झुकाती है। हे (जनासः) मनुष्यो ! (सः) वह (नः) हमारा (निःष्षिधाम्) बुरे मार्गों से हटाने वाले शासनों और शासकों, आचार मर्यादाओं की (गोपतिः) वाणी या आज्ञाओं, शास्त्र-वचनों का पालक है वही (निष्षिधाम्) सब शासकों में से सबसे ऊंचा (गोपतिः) भूमि का स्वामी है। (सः गृणते) वह विद्वान्, उपदेष्टा पुरुष को ( वसूनि ) समस्त ऐश्वर्यों को (ददिः हि) निश्चय से दान करनेहारा (वीरः) शूरवीर है।

    ऋषि | देवता | छन्द | स्वर - वामदेव ऋषिः ॥ इन्द्रो देवता ॥ छन्द:– १, ५, ७ त्रिष्टुप् । ३, ९ निचृत् त्रिष्टुप् । ४ विराट् त्रिष्टुप । २, ८ भुरिक् पंक्तिः । ६ स्वराट् पंक्तिः । ११ निचृत् पंक्तिः । १० निचृदनुष्टुप् ॥ इत्येकादशर्चं सूक्तम् ॥

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top