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अथर्ववेद के काण्ड - 19 के सूक्त 67 के मन्त्र
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  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 67/ मन्त्र 4
    ऋषिः - ब्रह्मा देवता - सूर्यः छन्दः - प्राजापत्या गायत्री सूक्तम् - दीर्घायु सूक्त
    95

    रोहे॑म श॒रदः॑ श॒तम् ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    रोहे॑म। श॒रदः॑। श॒तम् ॥६७.४ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    रोहेम शरदः शतम् ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    रोहेम। शरदः। शतम् ॥६७.४ ॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 67; मन्त्र » 4
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    हिन्दी (3)

    विषय

    जीवन के स्वास्थ्य का उपदेश।

    पदार्थ

    (शतम्) सौ (शरदः) वर्षों तक (रोहेम) हम चढ़ते रहें ॥४॥

    भावार्थ

    हम सब लोग प्रयत्न करें कि परमेश्वर की प्रार्थना सदा करते हुए युक्त आहार-विहार से ऐसे स्वस्थ और नीरोग रहें कि सब इन्द्रियाँ नेत्र, मुख, नासिका, मन आदि सौ वर्ष से भी अधिक पूरे दृढ़ और सचेत रहें, जिससे हम अपना कर्तव्य जीवनभर सावधानी के साथ किया करें ॥१-८॥ मन्त्र १ तथा २ ऋग्वेद में हैं-७।६६।१६ और सब सूक्त कुछ भेद से यजुर्वेद में है-३६।२४

    टिप्पणी

    ४−(रोहेम) आरूढा भवेम ॥

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    भाषार्थ

    (शतं शरदः) सौ वर्ष (रोहेम) हम समुन्नत होते रहें॥ ४॥

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    विषय

    दीर्घ व प्रशस्त जीवन

    पदार्थ

    १. शतवर्षपर्यन्त हमारी देखने की शक्ति ठीक बनी रहे। २. शतवर्षपर्यन्त हमारी जीवनशक्ति ठीक बनी रहे। ३. शतवर्षपर्यन्त हमारी बोधशक्ति ठीक [mentally alert] बनी रहे। ४. हम शतवर्षपर्यन्त उत्तरोत्तर प्ररूढ़-प्रबुद्ध होते चलें। ५. हम शतवर्षपर्यन्त उत्तरोत्तर पोषण को प्राप्त करें। ६. हम शतवर्षपर्यन्त बने रहें। हमारी सत्ता विनष्ट न हो जाए। फूलें-फलें [to be prosper ous] ७. हम शतवर्षपर्यन्त शुद्ध जीवनवाले हों [to be purified]| ८. सौ वर्ष से अधिक काल तक भी इसीप्रकार हमारी शक्तियों स्थिर रहें।

    भावार्थ

    प्रभु-कृपा से हम शतवर्षपर्यन्त व सौ से अधिक वर्षों तक शक्तियों को स्थिर रखते हुए समृद्ध व पवित्र जीवनवाले हों।

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    इंग्लिश (4)

    Subject

    Health and Full Age

    Meaning

    Mat we rise on and on for a hundred years.

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    Translation

    Through a hundred autumns may we ascend.

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    Translation

    May we grow to strength and excellence a hundred autumns.

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    Translation

    May we go on prospering and progressing for hundred years.

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    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    ४−(रोहेम) आरूढा भवेम ॥

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