अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 23/ मन्त्र 2
सूक्त - अथर्वा
देवता - मन्त्रोक्ताः
छन्दः - दैवी त्रिष्टुप्
सूक्तम् - अथर्वाण सूक्त
प॑ञ्च॒र्चेभ्यः॒ स्वाहा॑ ॥
स्वर सहित पद पाठप॒ञ्च॒ऽऋ॒चेभ्यः॑। स्वाहा॑ ॥२३.२॥
स्वर रहित मन्त्र
पञ्चर्चेभ्यः स्वाहा ॥
स्वर रहित पद पाठपञ्चऽऋचेभ्यः। स्वाहा ॥२३.२॥
अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 23; मन्त्र » 2
Translation -
Let us gain knowledge from the sets of five verses and appreciate them.