Loading...
अथर्ववेद > काण्ड 19 > सूक्त 40

काण्ड के आधार पर मन्त्र चुनें

  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 40/ मन्त्र 1
    सूक्त - ब्रह्मा देवता - बृहस्पतिः, विश्वे देवाः छन्दः - परानुष्टुप्त्रिष्टुप् सूक्तम् - मेधा सूक्त

    यन्मे॑ छि॒द्रं मन॑सो॒ यच्च॑ वा॒चः सर॑स्वती मन्यु॒मन्तं॑ ज॒गाम॑। विश्वै॒स्तद्दे॒वैः स॒ह सं॑विदा॒नः सं द॑धातु॒ बृह॒स्पतिः॑ ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    यत्। मे॒। छि॒द्रम्। मन॑सः। यत्। च॒। वा॒चः। सर॑स्वती। म॒न्यु॒ऽमन्त॑म्। ज॒गाम॑। विश्वैः॑। तत्। दे॒वैः। स॒ह। स॒म्ऽवि॒दा॒नः। सम्। द॒धा॒तु॒। बृह॒स्पतिः॑ ॥४०.१॥


    स्वर रहित मन्त्र

    यन्मे छिद्रं मनसो यच्च वाचः सरस्वती मन्युमन्तं जगाम। विश्वैस्तद्देवैः सह संविदानः सं दधातु बृहस्पतिः ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    यत्। मे। छिद्रम्। मनसः। यत्। च। वाचः। सरस्वती। मन्युऽमन्तम्। जगाम। विश्वैः। तत्। देवैः। सह। सम्ऽविदानः। सम्। दधातु। बृहस्पतिः ॥४०.१॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 40; मन्त्र » 1
    Top