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ऋग्वेद मण्डल - 2 के सूक्त 8 के मन्त्र
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  • ऋग्वेद - मण्डल 2/ सूक्त 8/ मन्त्र 1
    ऋषिः - गृत्समदः शौनकः देवता - अग्निः छन्दः - गायत्री स्वरः - षड्जः

    वा॒ज॒यन्नि॑व॒ नू रथा॒न्योगाँ॑ अ॒ग्नेरुप॑ स्तुहि। य॒शस्त॑मस्य मी॒ळ्हुषः॑॥

    स्वर सहित पद पाठ

    वा॒ज॒यन्ऽइ॑व । नु । रथा॑न् । योगा॑न् । अ॒ग्नेः । उप॑ । स्तु॒हि॒ । य॒शःऽत॑मस्य । मी॒ळ्हुषः॑ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    वाजयन्निव नू रथान्योगाँ अग्नेरुप स्तुहि। यशस्तमस्य मीळ्हुषः॥

    स्वर रहित पद पाठ

    वाजयन्ऽइव। नु। रथान्। योगान्। अग्नेः। उप। स्तुहि। यशःऽतमस्य। मीळ्हुषः॥

    ऋग्वेद - मण्डल » 2; सूक्त » 8; मन्त्र » 1
    अष्टक » 2; अध्याय » 5; वर्ग » 29; मन्त्र » 1

    Meaning -
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