Loading...

मन्त्र चुनें

  • यजुर्वेद का मुख्य पृष्ठ
  • यजुर्वेद - अध्याय 38/ मन्त्र 8
    ऋषिः - दीर्घतमा ऋषिः देवता - इन्द्रो देवता छन्दः - अष्टिः स्वरः - मध्यमः
    5

    इन्द्रा॑य त्वा॒ वसु॑मते रु॒द्रव॑ते॒ स्वाहेन्द्रा॑य त्वादि॒त्यव॑ते॒ स्वाहेन्द्रा॑य त्वाभिमाति॒घ्ने स्वाहा॑। स॒वि॒त्रे त्व॑ऽऋभु॒मते॑ विभु॒मते॒ वाज॑वते॒ स्वाहा॒ बृह॒स्पत॑ये त्वा वि॒श्वदे॑व्यावते॒ स्वाहा॑॥८॥

    स्वर सहित पद पाठ

    इन्द्रा॑य। त्वा॒। वसु॑मत॒ इति॒ वसु॑ऽमते। रु॒द्रव॑त॒ इति॑ रु॒द्रऽव॑ते। स्वाहा॑। इन्द्रा॑य। त्वा॒। आ॒दि॒त्यव॑त॒ इत्या॑दि॒त्यऽव॑ते। स्वाहा॑। इन्द्रा॑य। त्वा॒। अ॒भि॒मा॒ति॒घ्न इत्य॑भिऽमाति॒घ्ने। स्वाहा॑ ॥ स॒वि॒त्रे। त्वा॒। ऋ॒भु॒मत॒ इत्यृ॑भु॒ऽमते॑। वि॒भु॒मत॒ इति॑ विभु॒ऽमते॑। वाज॑वत॒ इति॒ वाज॑ऽवते। स्वाहा॑। बृह॒स्पत॑ये। त्वा॒। वि॒श्वदे॑व्यावते। वि॒श्वेदे॑व्यवत॒ इति॑ वि॒श्वऽदे॑व्यऽवते। स्वाहा॑ ॥८ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    इन्द्राय त्वा वसुमते रुद्रवते स्वाहेन्द्राय त्वादित्यवते स्वाहेन्द्राय त्वाभिमातिघ्ने स्वाहा । सवित्रे त्वऽऋभुमते विभुमते वाजवते स्वाहा । बृहस्पतये त्वा विश्वदेव्यावते स्वाहा ॥


    स्वर रहित पद पाठ

    इन्द्राय। त्वा। वसुमत इति वसुऽमते। रुद्रवत इति रुद्रऽवते। स्वाहा। इन्द्राय। त्वा। आदित्यवत इत्यादित्यऽवते। स्वाहा। इन्द्राय। त्वा। अभिमातिघ्न इत्यभिऽमातिघ्ने। स्वाहा॥ सवित्रे। त्वा। ऋभुमत इत्यृभुऽमते। विभुमत इति विभुऽमते। वाजवत इति वाजऽवते। स्वाहा। बृहस्पतये। त्वा। विश्वदेव्यावते। विश्वेदेव्यवत इति विश्वऽदेव्यऽवते। स्वाहा॥८॥

    यजुर्वेद - अध्याय » 38; मन्त्र » 8
    Acknowledgment

    Meaning -
    Homage to you, Indra, ruler of power, prosperity and justice. Salutations to Indra, lord of blazing splendour. Exhortations to you, Indra, destroyer of enemies. All hail to you, blest with light and generosity, supported by the wise, universally admired, and wielding plenty of food, energy and power of defence. Homage to you, lord of wide knowledge and wisdom blest with divine qualities.

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top