Loading...
अथर्ववेद > काण्ड 19 > सूक्त 54

काण्ड के आधार पर मन्त्र चुनें

  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 54/ मन्त्र 2
    सूक्त - भृगुः देवता - कालः छन्दः - त्रिपदार्षी गायत्री सूक्तम् - काल सूक्त

    का॒लेन॒ वातः॑ पवते का॒लेन॑ पृथि॒वी म॒ही। द्यौर्म॒ही का॒ल आहि॑ता ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    का॒लेन॑। वातः॑। प॒व॒ते॒। का॒लेन॑। पृ॒थि॒वी। म॒ही। द्यौः। म॒ही। का॒ले। आऽहि॑ता ॥५४.२॥


    स्वर रहित मन्त्र

    कालेन वातः पवते कालेन पृथिवी मही। द्यौर्मही काल आहिता ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    कालेन। वातः। पवते। कालेन। पृथिवी। मही। द्यौः। मही। काले। आऽहिता ॥५४.२॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 54; मन्त्र » 2
    Top