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सामवेद के मन्त्र
सामवेद - मन्त्रसंख्या 1731
उ꣢ष꣣स्त꣢च्चि꣣त्र꣡मा भ꣢꣯रा꣣स्म꣡भ्यं꣢ वाजिनीवति । ये꣡न꣢ तो꣣कं꣢ च꣣ त꣡न꣢यं च꣣ धा꣡म꣢हे ॥१७३१॥
स्वर सहित पद पाठउ꣡षः꣢꣯ । तत् । चि꣣त्र꣢म् । आ । भ꣣र । अस्म꣡भ्य꣢म् । वा꣣जिनीवति । ये꣡न꣢꣯ । तो꣣क꣢म् । च꣣ । त꣡न꣢꣯यम् । च꣣ । धा꣡म꣢꣯हे ॥१७३१॥
स्वर रहित मन्त्र
उषस्तच्चित्रमा भरास्मभ्यं वाजिनीवति । येन तोकं च तनयं च धामहे ॥१७३१॥
स्वर रहित पद पाठ
उषः । तत् । चित्रम् । आ । भर । अस्मभ्यम् । वाजिनीवति । येन । तोकम् । च । तनयम् । च । धामहे ॥१७३१॥
सामवेद - मन्त्र संख्या : 1731
(कौथुम) उत्तरार्चिकः » प्रपाठक » 8; अर्ध-प्रपाठक » 3; दशतिः » ; सूक्त » 8; मन्त्र » 1
(राणानीय) उत्तरार्चिकः » अध्याय » 19; खण्ड » 2; सूक्त » 3; मन्त्र » 1
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(कौथुम) उत्तरार्चिकः » प्रपाठक » 8; अर्ध-प्रपाठक » 3; दशतिः » ; सूक्त » 8; मन्त्र » 1
(राणानीय) उत्तरार्चिकः » अध्याय » 19; खण्ड » 2; सूक्त » 3; मन्त्र » 1
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विषय - सात्त्विक अन्न
पदार्थ -
वेद में ‘वाजिनीवती' शब्द जब उषा के लिए प्रयुक्त होता है तब 'वाजिनी' शब्द का अर्थ 'अन्न' food होता है । मन्त्र का ऋषि ‘गोतम' उषा से प्रार्थना करता है कि हे (वजिनीवति) = अन्नोंवाली (उष:) = उषे ! तू (तत्) = वह (चित्रम्) = [चित्+र] ज्ञान देनेवाला, अर्थात् सात्त्विक अन्न (अस्मभ्यम्) = हमारे लिए (आभर) = प्राप्त करा, (येन) जिस सात्त्विक अन्न से (तोकम्) = अपने पुत्रों को (तनयं च) = और अपने पौत्रों को (धामहे) = हम धारण कर सकें ।
वस्तुत: उष:काल की शान्ति व पवित्रता प्राप्त करने के लिए यह नितान्त आवश्यक है कि हम सात्त्विक भोजन करनेवाले बनें। सात्त्विक भोजन ही हमारे ज्ञान की वृद्धि करके हमारा कल्याण करनेवाला होगा।
उषा 'वाजिनीवती' है- उत्तम सात्त्विक अन्नवाली है। हम इस सात्त्विक अन्न के सेवन के परिणामरूप जैसे जीवनवाले बनेंगे उसका कुछ चित्रण अगले मन्त्र में किया जाएगा।
‘वाजिनम्' शब्द का अर्थ 'शक्ति' भी है। इस अर्थ को लेकर मन्त्रार्थ इस रूप में होगा - (वाजिनीवति) = शक्ति देनेवाली (उषः) = उषे ! तू (अस्मभ्यम्) = हमें (तत्) = वह (चित्रम्) = ज्ञान भी (आभर) = प्राप्त करा (येन) = जिससे हम (तोकं तनयं च) = पुत्रों व पौत्रों को (धामहे) = धारण करें । सन्तानों के उत्तम निर्माण के लिए 'शक्ति व ज्ञान' दोनों ही अपेक्षित हैं।
भावार्थ -
हम सात्त्विक अन्न के सेवन से शक्ति व ज्ञान की वृद्धि करके सन्तानों का उत्तम धारण करें।
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