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ऋग्वेद मण्डल - 2 के सूक्त 32 के मन्त्र
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  • ऋग्वेद - मण्डल 2/ सूक्त 32/ मन्त्र 7
    ऋषिः - गृत्समदः शौनकः देवता - सिनीवाली छन्दः - विराडनुष्टुप् स्वरः - गान्धारः

    या सु॑बा॒हुः स्व॑ङ्गु॒रिः सु॒षूमा॑ बहु॒सूव॑री। तस्यै॑ वि॒श्पत्न्यै॑ ह॒विः सि॑नीवा॒ल्यै जु॑होतन॥

    स्वर सहित पद पाठ

    या । सु॒ऽबा॒हुः । सु॒ऽअ॒ङ्गु॒रिः । सु॒ऽसूमा॑ । ब॒हु॒ऽसूव॑री । तस्यै॑ । वि॒श्पत्न्यै॑ । ह॒विः । सि॒नी॒वा॒ल्यै । जु॒हो॒त॒न॒ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    या सुबाहुः स्वङ्गुरिः सुषूमा बहुसूवरी। तस्यै विश्पत्न्यै हविः सिनीवाल्यै जुहोतन॥

    स्वर रहित पद पाठ

    या। सुऽबाहुः। सुऽअङ्गुरिः। सुऽसूमा। बहुऽसूवरी। तस्यै। विश्पत्न्यै। हविः। सिनीवाल्यै। जुहोतन॥

    ऋग्वेद - मण्डल » 2; सूक्त » 32; मन्त्र » 7
    अष्टक » 2; अध्याय » 7; वर्ग » 15; मन्त्र » 7
    Acknowledgment

    संस्कृत (1)

    विषयः

    पुनस्तमेव विषयमाह।

    अन्वयः

    हे मनुष्या या सुबाहुः स्वङ्गुरिः सुषूमा बहुसूवरी स्त्री तस्यै विश्पत्न्यै सिनीवाल्यै हविर्जुहोतन ॥७॥

    पदार्थः

    (या) (सुबाहुः) शोभनौ बाहू यस्याः सा (स्वङ्गुरिः) शोभनाऽङ्गुरयोऽङ्गुलयो यस्याः सा (सुषूमा) सुष्ठु प्रसवित्री (बहुसूवरी) बहूनामपत्यानां जनयित्री तस्यै (विश्पत्न्यै) विशः प्रजायाः पालयित्र्यै (हविः) दातुमर्हं वीर्यम् (सिनीवाल्यै) प्रेमबद्धायै (जुहोतन) प्रक्षिपत ॥७॥

    भावार्थः

    पुरुषैस्ता एव पत्न्यः सूत्तमाः सन्ति याः सर्वाङ्गैः सुन्दर्यः बहुप्रजोत्पादयित्र्यः शुभगुणकर्मस्वभावा भवेयुरिति वेद्यम्। तासां मध्यादेकैकेन पुरुषेणैकैकया सह विवाहं कृत्वा प्रजोत्पत्तिर्विधेया ॥७॥

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    हिन्दी (1)

    विषय

    फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है।

    पदार्थ

    हे मनुष्यो ! (या) जो (सुबाहुः) सुन्दर बाहु और (स्वङ्गुरिः) सुन्दर अंगुलियोंवाली तथा (सुषूमा) सुन्दर पुत्रोत्पत्ति करने और (बहुसूवरी) बहुत सन्तानों की उत्पन्न करनेरवाली स्त्री है (तस्यै) उस (विश्पत्न्यै) प्रजाजनों की पालनेवाली (सिनीवाल्यै) प्रेम से सम्बद्ध हुई के लिये (हविः) देने योग्य वीर्य को (जुहोतन) छोड़ो ॥७॥

    भावार्थ

    पुरुषों को यह जानना चाहिये कि वे ही पत्नी उत्तम होती हैं, जो सर्वाङ्ग सुन्दरी बहुत प्रजा उत्पन्न करनेवाली शुभगुणस्वभावयुक्त हों, उनमें से एक-एक पुरुष को चाहिये कि एक-एक स्त्री के साथ विवाह करके प्रजा उत्पन्न करें ॥७॥

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    मराठी (1)

    भावार्थ

    पुरुषांनी हे जाणले पाहिजे की, ज्या स्त्रिया सर्वांग सुंदर पुष्कळ संताने उत्पन्न करणाऱ्या, शुभ गुणकर्मस्वभावयुक्त असतील तर एका पुरुषाने एका स्त्रीबरोबर विवाह करून संतती उत्पन्न करावी. ॥ ७ ॥

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    इंग्लिश (1)

    Meaning

    Her arms are beautiful, delicate, and lovely her fingers. Fertile and passionate is she and generous nurse of life. Mother of many and lovely lady of love and beauty, offer her the oblations of life into the fire.

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