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अथर्ववेद के काण्ड - 16 के सूक्त 6 के मन्त्र
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  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 6/ मन्त्र 1
    सूक्त - उषा,दुःस्वप्ननासन देवता - प्राजापत्या अनुष्टुप् छन्दः - यम सूक्तम् - दुःख मोचन सूक्त
    52

    अजै॑ष्मा॒द्यास॑नामा॒द्याभू॒मना॑गसो व॒यम् ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    अजै॑ष्म । अ॒द्य । अस॑नाम । अ॒द्य । अभू॑म । अना॑गस: । व॒यम् ॥६.१॥


    स्वर रहित मन्त्र

    अजैष्माद्यासनामाद्याभूमनागसो वयम् ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    अजैष्म । अद्य । असनाम । अद्य । अभूम । अनागस: । वयम् ॥६.१॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 16; सूक्त » 6; मन्त्र » 1
    Acknowledgment

    हिन्दी (1)

    विषय

    रोगनाश करने का उपदेश।

    पदार्थ

    (अद्य) अब [अनिष्ट को] (अजैष्म) हम ने जीत लिया है, (अद्य) अब [इष्ट को] (असनाम) हम ने पा लिया है, (वयम्) हम (अनागसः) निर्दोष (अभूम) हो गये हैं ॥१॥

    भावार्थ

    जो मनुष्य दोषों कोछोड़ते हैं, वे अनिष्ट को जीत कर इष्ट प्राप्त करते हैं ॥१॥मन्त्र १ तथा २ कुछभेद से ऋग्वेद में हैं−८।४७।१८ ॥

    टिप्पणी

    १−(अजैष्म) वयं जितवन्तः (अद्य) इदानीम् (असनाम) षण संभक्तौ-लङ्। वयं लब्धवन्तः (अद्य) (अभूम) (अनागसः) निर्दोषाः (वयम्) पुरुषार्थिनः ॥

    इंग्लिश (1)

    Subject

    Atma-Aditya Devata

    Meaning

    We have won over bad dreams today. We have acquired what we had wanted to acquire, realised our noble dreams. We have become free from sin and guilt.

    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    १−(अजैष्म) वयं जितवन्तः (अद्य) इदानीम् (असनाम) षण संभक्तौ-लङ्। वयं लब्धवन्तः (अद्य) (अभूम) (अनागसः) निर्दोषाः (वयम्) पुरुषार्थिनः ॥

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