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अथर्ववेद के काण्ड - 20 के सूक्त 7 के मन्त्र
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  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 7/ मन्त्र 4
    ऋषिः - विश्वामित्रः देवता - इन्द्रः छन्दः - गायत्री सूक्तम् - सूक्त-७
    66

    इन्द्र॑ क्रतु॒विदं॑ सु॒तं सोमं॑ हर्य पुरुष्टुत। पि॒बा वृ॑षस्व॒ तातृ॑पिम् ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    इन्द्र॑ । क्र॒तु॒ऽविद॑म् । सु॒तम् । सोम॑म् । ह॒र्य॒ । पु॒रु॒ऽस्तु॒त॒ ॥ पिब॑ । आ । वृ॒ष॒स्व॒ । ततृ॑पिम् ॥७.४॥


    स्वर रहित मन्त्र

    इन्द्र क्रतुविदं सुतं सोमं हर्य पुरुष्टुत। पिबा वृषस्व तातृपिम् ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    इन्द्र । क्रतुऽविदम् । सुतम् । सोमम् । हर्य । पुरुऽस्तुत ॥ पिब । आ । वृषस्व । ततृपिम् ॥७.४॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 7; मन्त्र » 4
    Acknowledgment

    हिन्दी (3)

    विषय

    सेनापति के लक्षणों का उपदेश।

    पदार्थ

    (पुरुष्टुत) हे बहुतों से बड़ाई किये गये (इन्द्रः) इन्द्र ! [बड़े ऐश्वर्यवाले सेनापति] (क्रतुविदम्) बुद्धि प्राप्त करानेवाले, (तातृपिम्) तृप्त करानेवाले, (सुतम्) सिद्ध किये हुए (सोमम्) सोम [महौषधियों के रस] की (हर्य) इच्छा कर, (पिब) पी (आ) और (वृषस्व) बलवान् हो ॥४॥

    भावार्थ

    सेनापति बल और बुद्धि बढ़ानेवाले खान-पान के भोजन से तृप्त रहकर स्वस्थ रहे ॥४॥

    टिप्पणी

    यह मन्त्र आ चुका है-अ० २०।६।२ ॥ ४−अयं मन्त्रो व्याख्यातः-अ० २०।६।२ ॥

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    विषय

    क्रतुवित्' सोम

    पदार्थ

    इस मन्त्र की व्याख्या २०.६.२ पर द्रष्टव्य है।

    भावार्थ

    अपने जीवन में सोम का भरण करके यह 'भरद्धाज' बनता है-अपने में शक्ति भरनेवाला। यह बुराइयों का संहार करनेवाला 'कुत्सः' होता है तथा सबका मित्र 'विश्वामित्र' बनता है। अगले सूक्त के मन्त्रों के क्रमश: ये ही ऋषि हैं -

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    भाषार्थ

    देखो—मन्त्र २०.६.२।

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    इंग्लिश (4)

    Subject

    Indr a Devata

    Meaning

    Indra, lover of life and excellence, sung and celebrated by many, cherish the nectar-sweet of soma distilled and inspiring for the completion of yajna. Drink of the delight of life to the lees, to your heart’s content, grow strong and vigorous, and shower the blessings of divinity on the celebrants.

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    Translation

    O universally praised mighty ruler, you take into your possession the perpared herbacious drink which gives activity and provides with satisfaction. You pour down and; drink it.

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    Translation

    O universally praised mighty ruler, you take into your possession the prepared herbaceous drink which gives activity and provides with satisfaction. You pour down and drink it.

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    Translation

    Let electricity, so highly spoken of by many learned people, help extract the essence of medicines, thus produced by those, who are well-versed in manufacturing things. Let it keep it safe and shower, on us the juice, satisfying all.

    Footnote

    (1-4) (a) cf. Rig, 8.93 (1-3), and 3.40.2, and Atharva., 20.6.2. (b) I have interpreted (2-4) verses taking Indra to mean electricity. Pt. Jaidev Vidyalankar has referred' to God, king and teacher as well.

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    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    यह मन्त्र आ चुका है-अ० २०।६।२ ॥ ४−अयं मन्त्रो व्याख्यातः-अ० २०।६।२ ॥

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