Loading...

मन्त्र चुनें

  • यजुर्वेद का मुख्य पृष्ठ
  • यजुर्वेद - अध्याय 38/ मन्त्र 2
    ऋषिः - आथर्वण ऋषिः देवता - सरस्वती देवता छन्दः - निचृद्गायत्री स्वरः - षड्जः
    1

    इड॒ऽएह्यदि॑त॒ऽएहि॒ सर॑स्व॒त्येहि॑।असा॒वेह्यसा॒वेह्यसा॒वेहि॑॥२॥

    स्वर सहित पद पाठ

    इडे॑। एहि॑। अदि॑ते। एहि॑। सर॑स्वति। एहि॑ ॥ असौ॑। एहि॑। असौ॑। एहि॑। असौ॑। एहि॑ ॥२ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    इडऽएहिऽअदितऽएहि सरस्वत्त्येहि । असावेह्यसावेह्यसावेहि ॥


    स्वर रहित पद पाठ

    इडे। एहि। अदिते। एहि। सरस्वति। एहि॥ असौ। एहि। असौ। एहि। असौ। एहि॥२॥

    यजुर्वेद - अध्याय » 38; मन्त्र » 2
    Acknowledgment

    Translation -
    Come O divine intellect. (1) Come O mother Eternity. (2) Come O divine Speech. Come hither so and so; come hither so and so; come hither so and so. (3)

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top