अथर्ववेद - काण्ड 16/ सूक्त 6/ मन्त्र 9
सूक्त - उषा,दुःस्वप्ननासन
देवता - आसुरी बृहती
छन्दः - यम
सूक्तम् - दुःख मोचन सूक्त
जा॑ग्रद्दुःष्व॒प्न्यं स्व॑प्नेदुःष्व॒प्न्यम् ॥
स्वर सहित पद पाठजा॒ग्र॒त्ऽदु॒स्व॒प्न्यम् । स्व॒प्ने॒ऽदु॒स्व॒प्न्यम् ॥६.९॥
स्वर रहित मन्त्र
जाग्रद्दुःष्वप्न्यं स्वप्नेदुःष्वप्न्यम् ॥
स्वर रहित पद पाठजाग्रत्ऽदुस्वप्न्यम् । स्वप्नेऽदुस्वप्न्यम् ॥६.९॥
अथर्ववेद - काण्ड » 16; सूक्त » 6; मन्त्र » 9
Translation -
The evil day-dream and evil dream in sleep.