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अथर्ववेद > काण्ड 16 > सूक्त 1

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  • अथर्ववेद - काण्ड 16/ सूक्त 1/ मन्त्र 6
    सूक्त - प्रजापति देवता - साम्नी अनुष्टुप् छन्दः - अथर्वा सूक्तम् - दुःख मोचन सूक्त

    अ॒पामग्र॑मसिसमु॒द्रं वो॒ऽभ्यव॑सृजामि ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    अ॒पाम् । अग्र॑म् । अ॒सि॒ । स॒मु॒द्रम् । व॒: । अ॒भि॒ऽअव॑सृजामि ॥१.६॥


    स्वर रहित मन्त्र

    अपामग्रमसिसमुद्रं वोऽभ्यवसृजामि ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    अपाम् । अग्रम् । असि । समुद्रम् । व: । अभिऽअवसृजामि ॥१.६॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 16; सूक्त » 1; मन्त्र » 6

    Translation -
    O men, God is the resort of mankind. I consign ye to Him, the Elevator of humanity.

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