अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 131/ मन्त्र 7
सूक्त -
देवता - प्रजापतिर्वरुणो वा
छन्दः - प्राजापत्या गायत्री
सूक्तम् - कुन्ताप सूक्त
श॒फेन॑ इ॒व ओ॑हते ॥
स्वर सहित पद पाठश॒फेन॑ । इ॒व । ओ॑हते ॥१३१.७॥
स्वर रहित मन्त्र
शफेन इव ओहते ॥
स्वर रहित पद पाठशफेन । इव । ओहते ॥१३१.७॥
अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 131; मन्त्र » 7
Subject - Prajapati
Meaning -
Lives as one with the root of the tree of existence.