Loading...
अथर्ववेद > काण्ड 15 > सूक्त 12

काण्ड के आधार पर मन्त्र चुनें

  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड 15/ सूक्त 12/ मन्त्र 10
    सूक्त - अध्यात्म अथवा व्रात्य देवता - आसुरी गायत्री छन्दः - अथर्वा सूक्तम् - अध्यात्म प्रकरण सूक्त

    आ दे॒वेषु॑वृश्चते अहु॒तम॑स्य भवति ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    आ । दे॒वेषु॑ । वृ॒श्च॒ते॒ । अ॒हु॒तम् । अ॒स्य॒ । भ॒व॒ति॒ ॥१२.१०॥


    स्वर रहित मन्त्र

    आ देवेषुवृश्चते अहुतमस्य भवति ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    आ । देवेषु । वृश्चते । अहुतम् । अस्य । भवति ॥१२.१०॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 15; सूक्त » 12; मन्त्र » 10
    Top