अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 129/ मन्त्र 18
अश्व॑स्य॒ वारो॑ गोशपद्य॒के ॥
स्वर सहित पद पाठअश्व॑स्य॒ । वार॑: । गोशपद्य॒के ॥१२९.१८॥
स्वर रहित मन्त्र
अश्वस्य वारो गोशपद्यके ॥
स्वर रहित पद पाठअश्वस्य । वार: । गोशपद्यके ॥१२९.१८॥
अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 129; मन्त्र » 18
Translation -
The man mounting on horse has no use in the stall of cows.