अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 39/ मन्त्र 3
सूक्त - गोषूक्तिः, अश्वसूक्तिः
देवता - इन्द्रः
छन्दः - गायत्री
सूक्तम् - सूक्त-३९
उद्गा आ॑ज॒दङ्गि॑रोभ्य आ॒विष्कृ॒ण्वन्गुहा॑ स॒तीः। अ॒र्वाञ्चं॑ नुनुदे व॒लम् ॥
स्वर सहित पद पाठस्वर रहित मन्त्र
उद्गा आजदङ्गिरोभ्य आविष्कृण्वन्गुहा सतीः। अर्वाञ्चं नुनुदे वलम् ॥
स्वर रहित पद पाठ अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 39; मन्त्र » 3
Translation -
Almighty God making the hidden rays mainfest for inflaming fire of atmosphere cast down the cloudy darkness.