अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 67/ मन्त्र 3
सूक्त - ब्रह्मा
देवता - सूर्यः
छन्दः - प्राजापत्या गायत्री
सूक्तम् - दीर्घायु सूक्त
बुध्ये॑म श॒रदः॑ श॒तम् ॥
स्वर सहित पद पाठबुध्ये॑म। श॒रदः॑। श॒तम् ॥६७.३॥
स्वर रहित मन्त्र
बुध्येम शरदः शतम् ॥
स्वर रहित पद पाठबुध्येम। शरदः। शतम् ॥६७.३॥
अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 67; मन्त्र » 3
विषय - दीर्घ जीवन की प्रार्थना।
भावार्थ -
सौ बरसों तक (बुध्येम) ज्ञान प्राप्त करें॥
टिप्पणी -
‘बुद्धेम’, बुत्धेम, बुधमे। इति नाना पाठाः।
ऋषि | देवता | छन्द | स्वर - ब्रह्मा ऋषिः। सूर्यो देवता। प्राजापत्या गायत्र्यः। अष्टर्चं सूक्तम्॥
इस भाष्य को एडिट करें