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अथर्ववेद > काण्ड 19 > सूक्त 67

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  • अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 67/ मन्त्र 7
    सूक्त - ब्रह्मा देवता - सूर्यः छन्दः - प्राजापत्या गायत्री सूक्तम् - दीर्घायु सूक्त

    भूये॑म श॒रदः॑ श॒तम् ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    भूये॑म। श॒रदः॑। श॒तम् ॥६७.७॥


    स्वर रहित मन्त्र

    भूयेम शरदः शतम् ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    भूयेम। शरदः। शतम् ॥६७.७॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 67; मन्त्र » 7

    भावार्थ -
    सौ वरसों तक (भूयेम) सत्तावान् होकर रहें॥ ७॥

    ऋषि | देवता | छन्द | स्वर - ब्रह्मा ऋषिः। सूर्यो देवता। प्राजापत्या गायत्र्यः। अष्टर्चं सूक्तम्॥

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