साइडबार
ऋग्वेद - मण्डल 8/ सूक्त 30/ मन्त्र 3
ऋषिः - मनुर्वैवस्वतः
देवता - विश्वेदेवा:
छन्दः - विराड्बृहती
स्वरः - मध्यमः
ते न॑स्त्राध्वं॒ ते॑ऽवत॒ त उ॑ नो॒ अधि॑ वोचत । मा न॑: प॒थः पित्र्या॑न्मान॒वादधि॑ दू॒रं नै॑ष्ट परा॒वत॑: ॥
स्वर सहित पद पाठते । नः॒ । त्रा॒ध्व॒म् । ते॒ । अ॒व॒त॒ । ते । ऊँ॒ इति॑ । नः॒ । अधि॑ । वो॒च॒त॒ । मा । नः॒ । प॒थः । पित्र्या॑त् । मा॒न॒वात् । अधि॑ । दू॒रम् । नै॒ष्ट॒ । प॒रा॒ऽवतः॑ ॥
स्वर रहित मन्त्र
ते नस्त्राध्वं तेऽवत त उ नो अधि वोचत । मा न: पथः पित्र्यान्मानवादधि दूरं नैष्ट परावत: ॥
स्वर रहित पद पाठते । नः । त्राध्वम् । ते । अवत । ते । ऊँ इति । नः । अधि । वोचत । मा । नः । पथः । पित्र्यात् । मानवात् । अधि । दूरम् । नैष्ट । पराऽवतः ॥ ८.३०.३
ऋग्वेद - मण्डल » 8; सूक्त » 30; मन्त्र » 3
अष्टक » 6; अध्याय » 2; वर्ग » 37; मन्त्र » 3
Acknowledgment
अष्टक » 6; अध्याय » 2; वर्ग » 37; मन्त्र » 3
Acknowledgment
भाष्य भाग
इंग्लिश (1)
Meaning
Such as you are, pray save us, protect and promote us, speak to us and enlighten us. Let us not stray out far from the right path of our ancestors or the right path of humanity.
मराठी (1)
भावार्थ
तेहतीस वर्णित देवतांचे महत्त्व अन्त:करणात बाळगणारा माणूस, मानवोचित जीवनपद्धतीवर चालतो. ॥३॥
हिन्दी (1)
पदार्थ
(ते नः त्राध्वम्) वे देवता स्वसामर्थ्य का दान दें और हमारा पालन करें, हानि से हमें दूर रखें; (ते अवत) हमें तृप्ति तथा आनन्द दें एवं अन्य अनेक कार्यों में हमारी सहायता करें; (अव् धातु अनेकार्थक है)। (उ) तथा (ते नः अधि वोचत) अपने उदाहरण तथा वाणी द्वारा हमें उपदेश दें। हमें (नः) हमारे (पित्र्यात्) माता-पिता,गुरु आदि गुरुजनों की सेवा व (मानवात्) मानवोचित (पथः) मार्ग से, जीवनचर्या पद्धति द्वारा (अधिदूरम्) बहुत अधिक दूर (नैष्ट) न जाने देना चाहें ॥३॥
भावार्थ
जिन देवताओं के महत्त्व का वर्णन है उन्हें अन्तःकरण में स्थान देते हुए मनुष्य मानवोचित जीवन-पद्धति का अनुगमन करे ॥३॥
Acknowledgment
Book Scanning By:
Sri Durga Prasad Agarwal
Typing By:
N/A
Conversion to Unicode/OCR By:
Dr. Naresh Dhiman
Donation for Typing/OCR By:
N/A
First Proofing By:
Acharya Chandra Dutta Sharma
Second Proofing By:
Pending
Third Proofing By:
Pending
Donation for Proofing By:
N/A
Databasing By:
Sri Jitendra Bansal
Websiting By:
Sri Raj Kumar Arya
Donation For Websiting By:
Shri Virendra Agarwal
Co-ordination By:
Sri Virendra Agarwal