अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 22/ मन्त्र 7
सूक्त - अङ्गिराः
देवता - मन्त्रोक्ताः
छन्दः - दैवी जगती
सूक्तम् - ब्रह्मा सूक्त
प॑र्यायि॒केभ्यः॒ स्वाहा॑ ॥
स्वर सहित पद पाठप॒र्या॒यि॒केभ्यः॑। स्वाहा॑ ॥२२.७॥
स्वर रहित मन्त्र
पर्यायिकेभ्यः स्वाहा ॥
स्वर रहित पद पाठपर्यायिकेभ्यः। स्वाहा ॥२२.७॥
अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 22; मन्त्र » 7
Translation -
Attain knowledge of the orders in the world and appreciate them.