अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 22/ मन्त्र 2
सूक्त - अङ्गिराः
देवता - मन्त्रोक्ताः
छन्दः - दैवी पङ्क्तिः
सूक्तम् - ब्रह्मा सूक्त
ष॒ष्ठाय॒ स्वाहा॑ ॥
स्वर सहित पद पाठष॒ष्ठाय॒। स्वाहा॑ ॥२२.२॥
स्वर रहित मन्त्र
षष्ठाय स्वाहा ॥
स्वर रहित पद पाठषष्ठाय। स्वाहा ॥२२.२॥
अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 22; मन्त्र » 2
Translation -
Through the sixth and appreciate it.