अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 67/ मन्त्र 4
सूक्त - ब्रह्मा
देवता - सूर्यः
छन्दः - प्राजापत्या गायत्री
सूक्तम् - दीर्घायु सूक्त
रोहे॑म श॒रदः॑ श॒तम् ॥
स्वर सहित पद पाठरोहे॑म। श॒रदः॑। श॒तम् ॥६७.४ ॥
स्वर रहित मन्त्र
रोहेम शरदः शतम् ॥
स्वर रहित पद पाठरोहेम। शरदः। शतम् ॥६७.४ ॥
अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 67; मन्त्र » 4
भाषार्थ -
(शतं शरदः) सौ वर्ष (रोहेम) हम समुन्नत होते रहें॥ ४॥