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अथर्ववेद > काण्ड 5 > सूक्त 30

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  • अथर्ववेद - काण्ड 5/ सूक्त 30/ मन्त्र 17
    सूक्त - चातनः देवता - आयुः छन्दः - त्र्यवसाना षट्पदा जगती सूक्तम् - दीर्घायुष्य सूक्त

    अ॒यं लो॒कः प्रि॒यत॑मो दे॒वाना॒मप॑राजितः। यस्मै॒ त्वमि॒ह मृ॒त्यवे॑ दि॒ष्टः पु॑रुष जज्ञि॒षे। स च॒ त्वानु॑ ह्वयामसि॒ मा पु॒रा ज॒रसो॑ मृथाः ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    अ॒यम् । लो॒क: । प्रि॒यऽत॑म: । दे॒वाना॑म् । अप॑राऽजित: । यस्मै॑ । त्वम् । इ॒ह । मृ॒त्यवे॑ । दि॒ष्ट: । पु॒रु॒ष॒ । ज॒ज्ञि॒षे । स: । च॒ । त्वा॒ । अनु॑ । ह्व॒या॒म॒सि॒ । मा । पु॒रा । ज॒रस॑: । मृ॒था॒: ॥३०.१७॥


    स्वर रहित मन्त्र

    अयं लोकः प्रियतमो देवानामपराजितः। यस्मै त्वमिह मृत्यवे दिष्टः पुरुष जज्ञिषे। स च त्वानु ह्वयामसि मा पुरा जरसो मृथाः ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    अयम् । लोक: । प्रियऽतम: । देवानाम् । अपराऽजित: । यस्मै । त्वम् । इह । मृत्यवे । दिष्ट: । पुरुष । जज्ञिषे । स: । च । त्वा । अनु । ह्वयामसि । मा । पुरा । जरस: । मृथा: ॥३०.१७॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 5; सूक्त » 30; मन्त्र » 17

    शब्दार्थ -
    (अयम्) यह (अपराजित:) अपराजित, किसीसे न हराया जानेवाला (लोक:) शरीर (देवानाम्) विद्वानों का (प्रियतमः) अत्यन्त प्यारा है । (पुरुष) हे जीवात्मन् ! (यस्मै) क्योंकि (त्वम्) तू (मृत्यवे) मृत्यु के लिए (दिष्ट:) नियत हुआ (इह जज्ञिषे) इस संसार में उत्पन्न होता है (स: च त्वा) ऐसे मृत्यु के भाग में पड़े तुझको (अनु ह्वयामसि) हम चेतावनी देते है (मा पुरा जरसः मृथाः) तू वृद्धावस्था से पूर्व, बुढ़ापे से पूर्व मत मर ।

    भावार्थ - वेद में मानव-शरीर की बड़ी महिमा है । यह अयोध्या नगरी है । इसीको ब्रह्मपुरी कहते हैं । इसे दिव्य-रथ भी कहा गया है । यह संसार-सागर से पार करनेवाली नौका है। इसी मानव-देह में मनुष्य अपने जीवन के परम-उद्देश्य मोक्ष को प्राप्त कर सकता है । अतः यह शरीर विद्वानों को अत्यन्त प्रिय है। संयोग का परिणाम वियोग है । जन्म के साथ मृत्यु अवश्यम्भावी है । जन्म से ही मृत्यु मनुष्य के साथ लगी हुई है । कोई कितना ही महान् हो, राजा हो या योगी, तपस्वी हो या संन्यासी, मृत्यु के मुख से बच नहीं सकता। यद्यपि मृत्यु निश्चित है परन्तु बुढ़ापे से पूर्व नहीं मरना चाहिए । प्रत्येक व्यक्ति को अपना आहार-विहार, आचार और विचार इस प्रकार के बनाने चाहिएँ जिससे वृद्धावस्था से पूर्व वह मृत्यु के मुख में न जाए।

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