ऋग्वेद - मण्डल 10/ सूक्त 145/ मन्त्र 5
ऋषिः - इन्द्राणी
देवता - उपनिषत्सपत्नीबाधनम्
छन्दः - निचृदनुष्टुप्
स्वरः - गान्धारः
अ॒हम॑स्मि॒ सह॑मा॒नाथ॒ त्वम॑सि सास॒हिः । उ॒भे सह॑स्वती भू॒त्वी स॒पत्नीं॑ मे सहावहै ॥
स्वर सहित पद पाठअ॒हम् । अ॒स्मि॒ । सह॑माना । अथ॑ । त्वम् । अ॒सि॒ । स॒स॒हिः । उ॒भे इति॑ । सह॑स्वती॒ इति॑ । भू॒त्वी । स॒ऽप्त्नी॑म् । मे॒ । स॒हा॒व॒है॒ ॥
स्वर रहित मन्त्र
अहमस्मि सहमानाथ त्वमसि सासहिः । उभे सहस्वती भूत्वी सपत्नीं मे सहावहै ॥
स्वर रहित पद पाठअहम् । अस्मि । सहमाना । अथ । त्वम् । असि । ससहिः । उभे इति । सहस्वती इति । भूत्वी । सऽप्त्नीम् । मे । सहावहै ॥ १०.१४५.५
ऋग्वेद - मण्डल » 10; सूक्त » 145; मन्त्र » 5
अष्टक » 8; अध्याय » 8; वर्ग » 3; मन्त्र » 5
Acknowledgment
अष्टक » 8; अध्याय » 8; वर्ग » 3; मन्त्र » 5
Acknowledgment
भाष्य भाग
हिन्दी (1)
पदार्थ
(अहम्) मैं-उपनिषद्-अध्यात्मविद्या (सहमाना) कामवासना को अभिभूत करनेवाली दबानेवाली (अस्मि) हूँ (अथ) और (त्वं सासहिः) हे सोम ओषधि ! तू अत्यन्त अभिभव करनेवाली (असि) है (उभे सहस्वती) दोनों बलवाली होकर (मे-सपत्नीम्) मेरी विरोधिनी कामवासना को (सहावहै) अभिभूत करें-दबावें ॥५॥
भावार्थ
अध्यात्मविद्या बहुत बल रखती है कामवासना को दबाने के लिए और सोम ओषधि भी बल रखती है कामवासना को दबाने के लिए, दोनों का सेवन कामवासना से बचाता है ॥५॥
संस्कृत (1)
पदार्थः
(अहम्-सहमाना-अस्मि) अहमुपनिषदध्यात्मविद्या कामवासना-मभिभवित्री खल्वस्मि (अथ त्वं सासहिः-असि) अथ च हे सोम ! त्वमत्यन्तमभिभविताऽसि (उभे सहस्वती भूत्वी) उभे सहस्वत्यौ बलवत्यौ भूत्वा (मे सपत्नीं सहावहै) मम विरोधिनीं कामवासनामभिभवावहै ॥५॥
इंग्लिश (1)
Meaning
I am patient, challenging and victorious. O soma, you too are unassailable, you and I, both challenging and victorious, we shall subdue the rival.
मराठी (1)
भावार्थ
अध्यात्मविद्या अत्यंत बलवान असते. कामवासना कमी करण्यासाठी, तसेच कामवासना दूर करण्यासाठी सोम औषधीही बलवान असते. दोन्हींचे ग्रहण कामवासनेपासून बचाव करते. ॥५॥
Acknowledgment
Book Scanning By:
Sri Durga Prasad Agarwal
Typing By:
N/A
Conversion to Unicode/OCR By:
Dr. Naresh Kumar Dhiman (Chair Professor, MDS University, Ajmer)
Donation for Typing/OCR By:
N/A
First Proofing By:
Acharya Chandra Dutta Sharma
Second Proofing By:
Pending
Third Proofing By:
Pending
Donation for Proofing By:
N/A
Databasing By:
Sri Jitendra Bansal
Websiting By:
Sri Raj Kumar Arya
Donation For Websiting By:
Shri Virendra Agarwal
Co-ordination By:
Sri Virendra Agarwal