ऋग्वेद - मण्डल 4/ सूक्त 8/ मन्त्र 7
अ॒स्मे रायो॑ दि॒वेदि॑वे॒ सं च॑रन्तु पुरु॒स्पृहः॑। अ॒स्मे वाजा॑स ईरताम् ॥७॥
स्वर सहित पद पाठअ॒स्मे इति॑ । रायः॑ । दि॒वेऽदि॑वे । सम् । च॒र॒न्तु॒ । पु॒रु॒ऽस्पृहः॑ । अ॒स्मे इति॑ । वाजा॑सः । ई॒र॒ता॒म् ॥
स्वर रहित मन्त्र
अस्मे रायो दिवेदिवे सं चरन्तु पुरुस्पृहः। अस्मे वाजास ईरताम् ॥७॥
स्वर रहित पद पाठअस्मे इति। रायः। दिवेऽदिवे। सम्। चरन्तु। पुरुस्पृहः। अस्मे इति। वाजासः। ईरताम्॥७॥
ऋग्वेद - मण्डल » 4; सूक्त » 8; मन्त्र » 7
अष्टक » 3; अध्याय » 5; वर्ग » 8; मन्त्र » 7
Acknowledgment
अष्टक » 3; अध्याय » 5; वर्ग » 8; मन्त्र » 7
Acknowledgment
भाष्य भाग
संस्कृत (1)
विषयः
अथ विद्वत्पुरुषार्थफलमाह ॥
अन्वयः
मनुष्या दिवेदिवेऽस्मे पुरुस्पृहो रायः सञ्चरन्तु वाजासोऽस्मे ईरतामित्यभिलषन्तु ॥७॥
पदार्थः
(अस्मे) अस्मासु (रायः) शुभाः श्रियः (दिवेदिवे) प्रतिदिनम् (सम्) (चरन्तु) विलसन्तु (पुरुस्पृहः) बहुभिः स्पृहणीयाः (अस्मे) अस्मान् (वाजासः) अन्नाद्यैश्वर्य्ययोगाः (ईरताम्) प्राप्नुवन्तु ॥७॥
भावार्थः
मनुष्यैः सदैव पुरुषार्थेन धनान्नराज्यप्रतिष्ठाविद्यादयः शुभगुणा उन्नता भवन्त्विति सततमेष्टव्याः ॥७॥
हिन्दी (1)
विषय
अब विद्वानों के पुरुषार्थ का फल कहते हैं ॥
पदार्थ
मनुष्य लोग (दिवेदिवे) प्रतिदिन (अस्मे) हम लोगों में (पुरुस्पृहः) बहुतों से चाहने योग्य (रायः) श्रेष्ठ लक्ष्मियाँ (सम्, चरन्तु) विलसें और (वाजासः) अन्न आदि ऐश्वर्य्यों के योग (अस्मे) हम लोगों को (ईरताम्) प्राप्त हों, ऐसी अभिलाषा करो ॥७॥
भावार्थ
मनुष्यों को चाहिये कि सदा ही पुरुषार्थ से धन, अन्न, राज्य, प्रतिष्ठा और विद्या आदि उत्तम गुणों की उन्नति होती है, इस प्रकार निरन्तर इच्छा करनी चाहिये ॥७॥
मराठी (1)
भावार्थ
नेहमी पुरुषार्थाने धन, अन्न, राज्य, प्रतिष्ठा व विद्या इत्यादी उत्तम गुणांनी उन्नती होते, अशा प्रकारची माणसांनी सतत इच्छा करावी. ॥ ७ ॥
English (1)
Meaning
Let wealths of various kinds and universal value come and abound among us, let food and energy of all varieties flow and arise among us (as divine gifts of Agni, lord of heat and light and cosmic energy).
Acknowledgment
Book Scanning By:
Sri Durga Prasad Agarwal
Typing By:
N/A
Conversion to Unicode/OCR By:
Dr. Naresh Dhiman
Donation for Typing/OCR By:
N/A
First Proofing By:
Acharya Chandra Dutta Sharma
Second Proofing By:
Pending
Third Proofing By:
Pending
Donation for Proofing By:
N/A
Databasing By:
Sri Jitendra Bansal
Websiting By:
Sri Raj Kumar Arya
Donation For Websiting By:
Shri Virendra Agarwal
Co-ordination By:
Sri Virendra Agarwal