Loading...
अथर्ववेद > काण्ड 19 > सूक्त 10

काण्ड के आधार पर मन्त्र चुनें

  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 10/ मन्त्र 2
    सूक्त - ब्रह्मा देवता - मन्त्रोक्ताः छन्दः - त्रिष्टुप् सूक्तम् - शान्ति सूक्त

    शं नो॒ भगः॒ शमु॑ नः॒ शंसो॑ अस्तु॒ शं नः॒ पुर॑न्धिः॒ शमु॑ सन्तु॒ रायः॑। शं नः॑ स॒त्यस्य॑ सु॒यम॑स्य॒ शंसः॒ शं नो॑ अर्य॒मा पु॑रुजा॒तो अ॑स्तु ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    शम्। नः॒। भगः॑। शम्। ऊं॒ इति॑। नः॒। शंसः॑। अ॒स्तु॒। शम्। नः॒। पुर॑म्ऽधिः। शम्। ऊं॒ इति॑। स॒न्तु॒। रायः॑। शम्। नः॒। स॒त्यस्य॑। सु॒ऽयम॑स्य॑। शंसः॑। शम्। नः॒। अ॒र्य॒मा। पु॒रु॒ऽजा॒तः। अ॒स्तु॒ ॥१०.२॥


    स्वर रहित मन्त्र

    शं नो भगः शमु नः शंसो अस्तु शं नः पुरन्धिः शमु सन्तु रायः। शं नः सत्यस्य सुयमस्य शंसः शं नो अर्यमा पुरुजातो अस्तु ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    शम्। नः। भगः। शम्। ऊं इति। नः। शंसः। अस्तु। शम्। नः। पुरम्ऽधिः। शम्। ऊं इति। सन्तु। रायः। शम्। नः। सत्यस्य। सुऽयमस्य। शंसः। शम्। नः। अर्यमा। पुरुऽजातः। अस्तु ॥१०.२॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 10; मन्त्र » 2

    भाषार्थ -
    (भगः) ६ प्रकार का भग (नः) हमें (शम्) शान्तिदायक हो, (शंसः) महाजनों के सुवचन (नः) हमें (उ) निश्चय से (शम् अस्तु) शान्तिदायक हों। (पुरंधिः) बहुप्रज्ञ व्यक्ति (नः) हमें (शम्) शान्तिदायक हो, (रायः) विविध प्रकार की आधिदैविक आधिभौतिक और आध्यात्मिक सम्पत्तियां (उ) निश्चय से (शम् सन्तु) शान्तिदायक हों। (सत्यस्य) सत्य का, तथा (सुयमस्य) उत्तम यम-नियमों का (शंसः) उपदेश (नः) हमें (शम्) शान्तिदायक हो, (पुरुजातः) न्याय करने में बहुत प्रसिद्ध (अर्यमा) न्यायाधीश (नः) हमें (शम् अस्तु) शान्तिदायक हों।

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top