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अथर्ववेद > काण्ड 20 > सूक्त 68

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  • अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 68/ मन्त्र 11
    सूक्त - मधुच्छन्दाः देवता - इन्द्रः छन्दः - गायत्री सूक्तम् - सूक्त-६८

    आ त्वेता॒ नि षी॑द॒तेन्द्र॑म॒भि प्र गा॑यत। सखा॑यः॒ स्तोम॑वाहसः ॥

    स्वर सहित पद पाठ


    स्वर रहित मन्त्र

    आ त्वेता नि षीदतेन्द्रमभि प्र गायत। सखायः स्तोमवाहसः ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 68; मन्त्र » 11

    भाषार्थ -
    (सखायः) हे मित्रो! आप (तु) तो (एत) आइए, (आ निषीदत) आकर बैठिये, और (इन्द्रम् अभि) परमेश्वर को लक्ष्य करके (प्र गायत) उत्तम गान गाइए। (स्तोमवाहसः) आप स्तुति गीतों के वहन करनेवाले हैं, स्तुति गीतों के ज्ञाता हैं।

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