यजुर्वेद - अध्याय 25/ मन्त्र 30
उप॒ प्रागा॑त् सु॒मन्मे॑ऽधायि॒ मन्म॑ दे॒वाना॒माशा॒ऽउप॑ वी॒तपृ॑ष्ठः। अन्वे॑नं॒ विप्रा॒ऽऋष॑यो मदन्ति दे॒वानां॑ पु॒ष्टे च॑कृमा सु॒बन्धु॑म्॥३०॥
स्वर सहित पद पाठउप॑। प्र। अ॒गा॒त्। सु॒मदि॑ति॑ सु॒ऽमत्। मे॒। अ॒धा॒यि॒। मन्म॑। दे॒वाना॑म्। आशाः॑। उप॑। वी॒तपृ॑ष्ठ॒ इति॑ वी॒तऽपृ॑ष्ठः। अनु॑। ए॒न॒म्। विप्राः॑। ऋष॑यः। म॒द॒न्ति॒। दे॒वाना॑म्। पु॒ष्टे। च॒कृ॒म॒। सु॒बन्धु॒मिति॑ सु॒ऽबन्धु॑म् ॥३० ॥
स्वर रहित मन्त्र
उप प्रागात्सुमन्मे धायि मन्म देवानामा शाऽउप वीतपृष्ठः । अन्वेनँविप्राऽऋषयो मदन्ति देवानाम्पुष्टे चकृमा सुबन्धुम् ॥
स्वर रहित पद पाठ
उप। प्र। अगात्। सुमदिति सुऽमत्। मे। अधायि। मन्म। देवानाम्। आशाः। उप। वीतपृष्ठ इति वीतऽपृष्ठः। अनु। एनम्। विप्राः। ऋषयः। मदन्ति। देवानाम्। पुष्टे। चकृम। सुबन्धुमिति सुऽबन्धुम्॥३०॥
विषय - फिर कौन किनसे क्या ग्रहण करें, इस विषय का उपदेश किया है॥
भाषार्थ -
जो (सुमत्) स्वयं (देवानाम्) विद्वानों के (वीतपृष्ठः) यज्ञ को (अधायि) धारण करता है; जो इन विद्वानों तथा (मे) मेरे (मन्म) विज्ञान को और (दिश:) दिशाओं को (उपप्रागात्) प्राप्त करता है; (एनम्, अनु) इसके पश्चात् (देवानाम्) विद्वानों के (पुष्टे) पुष्ट होने पर (ऋषयः) मन्त्रार्थ के ज्ञाता (विप्राः) मेधावी लोग जिसकी (उपमदन्ति) कामना करते हैं; उसे हम (सुबन्धुम्) उत्तम बन्धु (चकृम) बनावें ॥ २५।३०॥
भावार्थ - जो विद्वानों से विज्ञान को प्राप्त करके ऋषि बनते हैं; वे सब को विज्ञान-दान से पुष्ट करते हैं।जो परस्पर की उन्नति करके कामनाओं को सिद्ध करते हैं; वे जगत् के हितैषी होते हैं ॥ ३०॥
प्रमाणार्थ -
(चकृम) यहाँ 'संहितायाम्’ अधिकार में दीर्घ है [चकृमा]॥
भाष्यसार - कौन किससे क्या ग्रहण करें--मनुष्य विद्वानों के यज्ञ को स्वयं धारण करें, विद्वानों से विज्ञान को ग्रहण करें; विद्वानों की दिशाओं को प्राप्त करें अर्थात् उनके समीप रहें; विद्वानों के संग से विज्ञान को प्राप्त करके पुष्ट हों, मन्त्रार्थ के ज्ञाता ऋषि एवं मेधावी विद्वान् बनें तथा विज्ञानदान से सबको पुष्ट करें। उक्त विद्वानों को मनुष्य अपना बन्धु बनावें। इस प्रकार परस्पर उन्नति करके कामनाओं को सिद्ध करें तथा जगत् के हितैषी हों॥ २५ । ३०॥
इस भाष्य को एडिट करेंAcknowledgment
Book Scanning By:
Sri Durga Prasad Agarwal
Typing By:
N/A
Conversion to Unicode/OCR By:
Dr. Naresh Kumar Dhiman (Chair Professor, MDS University, Ajmer)
Donation for Typing/OCR By:
N/A
First Proofing By:
Acharya Chandra Dutta Sharma
Second Proofing By:
Pending
Third Proofing By:
Pending
Donation for Proofing By:
N/A
Databasing By:
Sri Jitendra Bansal
Websiting By:
Sri Raj Kumar Arya
Donation For Websiting By:
N/A
Co-ordination By:
Sri Virendra Agarwal