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अथर्ववेद के काण्ड - 19 के सूक्त 23 के मन्त्र
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  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 23/ मन्त्र 29
    ऋषिः - अथर्वा देवता - मन्त्रोक्ताः छन्दः - दैवी पङ्क्तिः सूक्तम् - अथर्वाण सूक्त
    45

    ब्र॒ह्मणे॒ स्वाहा॑ ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    ब्र॒ह्मणे॑। स्वाहा॑ ॥२३.२९॥


    स्वर रहित मन्त्र

    ब्रह्मणे स्वाहा ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    ब्रह्मणे। स्वाहा ॥२३.२९॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 23; मन्त्र » 29
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    हिन्दी (3)

    विषय

    ब्रह्मविद्या का उपदेश।

    पदार्थ

    (ब्रह्मणे) वेदज्ञान के लिये (स्वाहा) स्वाहा [सुन्दर वाणी] हो ॥२९॥

    भावार्थ

    मनुष्यों को परमेश्वरोक्त ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद द्वारा श्रेष्ठ विद्याएँ प्राप्त करके इस जन्म और पर जन्म का सुख भोगना चाहिये ॥२९॥

    टिप्पणी

    २९−(ब्रह्मणे) वेदज्ञानाय ॥

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    विषय

    विषासहि-मंगलिक-ब्रह्मा

    पदार्थ

    १. (विषासहौ) = वेदज्ञान द्वारा सब शत्रुओं का पराभव करनेवाली इस गृहिणी के लिए हम (स्वाहा) = प्रशंसात्मक शब्द कहते हैं। इससे सब गृहिणियों को 'विषासहि' बनने की प्रेरणा प्राप्त होती है। २. (मंगलिकेभ्यः स्वाहा) = वेदज्ञान द्वारा सदा यज्ञ आदि मंगल कार्यों को करनेवाले पुरुषों के लिए हम प्रशंसात्मक शब्द कहते हैं। इससे सभी को इन मंगल कार्यों को करने की प्रवृत्ति प्राप्त होती है। ३. अन्ततः हम (ब्रह्मणे) = इन चारों वेदों का ज्ञान प्राप्त करनेवाले सर्वोत्तम सात्त्विक पुरुष के लिए शुभ शब्द कहते हैं और स्वयं ऐसा बनने का ही अपना लक्ष्य बनाते हैं।

    भावार्थ

    वेदज्ञान से हम शत्रुओं का मर्षण करनेवाले, मंगल कार्यों को करनेवाले व सर्वोत्तम सात्त्विक स्थिति की ओर बढ़नेवाले बनते हैं।

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    भाषार्थ

    व्याख्या देखो (अथर्व० १९.२२.२०)

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    इंग्लिश (4)

    Subject

    x

    Meaning

    For Brahma-Veda, Atharva-veda, especially for Brahma hymns, Svaha.

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    Translation

    Svaha to the Divine supreme.

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    Translation

    Let us gain the knowledge of universe and appreciate it.

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    Translation

    Have a thorough grasp of the Brahma Kanda i.e., the 20th Kanda.

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    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    २९−(ब्रह्मणे) वेदज्ञानाय ॥

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