अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 23/ मन्त्र 13
सूक्त - अथर्वा
देवता - मन्त्रोक्ताः
छन्दः - दैवी जगती
सूक्तम् - अथर्वाण सूक्त
षो॑डश॒र्चेभ्यः॒ स्वाहा॑ ॥
स्वर सहित पद पाठषो॒ड॒श॒ऽऋ॒चेभ्यः॑। स्वाहा॑ ॥२३.१३॥
स्वर रहित मन्त्र
षोडशर्चेभ्यः स्वाहा ॥
स्वर रहित पद पाठषोडशऽऋचेभ्यः। स्वाहा ॥२३.१३॥
अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 23; मन्त्र » 13
भाषार्थ -
१६ ऋचाओं वाले सूक्तों के लिए प्रशंसायुक्त वाणी हो।