अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 23/ मन्त्र 14
सूक्त - अथर्वा
देवता - मन्त्रोक्ताः
छन्दः - प्राजापत्या गायत्री
सूक्तम् - अथर्वाण सूक्त
स॑प्तदश॒र्चेभ्यः॒ स्वाहा॑ ॥
स्वर सहित पद पाठस॒प्त॒द॒श॒ऽऋ॒चेभ्यः॑। स्वाहा॑ ॥२३.१४॥
स्वर रहित मन्त्र
सप्तदशर्चेभ्यः स्वाहा ॥
स्वर रहित पद पाठसप्तदशऽऋचेभ्यः। स्वाहा ॥२३.१४॥
अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 23; मन्त्र » 14
भाषार्थ -
१७ ऋचाओं वाले सूक्तों के लिए प्रशंसायुक्त वाणी हो।