अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 130/ मन्त्र 13
शृङ्ग॑ उत्पन्न ॥
स्वर सहित पद पाठशृङ्ग॑: । उत्पन्न ॥१३०.१३॥
स्वर रहित मन्त्र
शृङ्ग उत्पन्न ॥
स्वर रहित पद पाठशृङ्ग: । उत्पन्न ॥१३०.१३॥
अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 130; मन्त्र » 13
भाषार्थ -
(उत्पन्न) हे उत्पन्न हुई (शृङ्ग) शृङ्गार-भावना! काम-वासना!