अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 130/ मन्त्र 4
कः का॒र्ष्ण्याः पयः॑ ॥
स्वर सहित पद पाठक: । का॒र्ष्ण्या: । पय॑: ॥१३०.४॥
स्वर रहित मन्त्र
कः कार्ष्ण्याः पयः ॥
स्वर रहित पद पाठक: । कार्ष्ण्या: । पय: ॥१३०.४॥
अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 130; मन्त्र » 4
भाषार्थ -
(कः) कौन (कार्ष्ण्याः) कृष्ण चित्तवृत्तियों का (पयः) फल देता है?
टिप्पणी -
[कृष्ण=तामसिक।]